भोपाल। जब भी हम महिलाओं की सेहत की बात करते हैं, उसमें अक्सर वजाइनल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं, इस बारे में ज्यादातर महिलाएं बात करने से हिचकिचाती हैं। लेकिन यह महिलाओं की सेहत का एक अहम हिस्सा है। एक हेल्दी वजाइना न केवल इन्फेक्शन से बचाती है, बल्कि रिप्रोडक्शन के लिए भी जरूरी […]
भोपाल। जब भी हम महिलाओं की सेहत की बात करते हैं, उसमें अक्सर वजाइनल हेल्थ को नजरअंदाज कर देते हैं, इस बारे में ज्यादातर महिलाएं बात करने से हिचकिचाती हैं। लेकिन यह महिलाओं की सेहत का एक अहम हिस्सा है। एक हेल्दी वजाइना न केवल इन्फेक्शन से बचाती है, बल्कि रिप्रोडक्शन के लिए भी जरूरी है। लेकिन कई बार की गई गलतियां वजाइनल हेल्थ को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए इन 5 गलतियों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
कई महिलाएं वजाइना को “साफ” रखने के लिए वजाइनल वॉश या डूशिंग का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन यह काफी हद तक गलत है। वजाइना एक सेल्फ-क्लीनिंग ऑर्गन है, जो नेचुरल तरीके से खुद को साफ रखता है। डूशिंग करने से वजाइना के अंदर मौजूद अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है। इसके बजाय, सादे पानी से बाहरी हिस्से की हल्की सफाई करना काफी है। वजाइनल की सफाई के लिए किसी भी कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान कई महिलाएं सेंटेड सैनिटरी पैड या टैम्पोन यूज करती हैं, लेकिन इनमें मौजूद केमिकल्स वजाइना के पीएच लेवल को बढ़ा सकते हैं, जिससे खुजली, जलन और यीस्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इससे अच्छा आप अनसेंटेड और ऑर्गेनिक पैड का इस्तेमाल करें। टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को लंबे समय तक वजाइना के अंदर नहीं रखना चाहिए। इससे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) होने का खतरा रहता है।
टाइट अंडरगार्मेंट्स या सिंथेटिक कपड़े प्राइवेट पार्ट में हवा के बहाव को रोकते हैं, जिससे नमी और बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं। इससे यीस्ट इन्फेक्शन और बैक्टीरियल वेजिनोसिस का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए आपको कॉटन अंडरवियर पहनना चाहिए, जो हवादार हो। साथ ही पसीना भी सोखता हो। सूती अंडरवियर पहनने से वजाइनल में मौजूद बैक्टीरिया पैदा होने का खतरा कम होता है।
सेक्स करने के बाद वजाइना की सफाई न करने से इन्फेक्शन का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है। स्पर्म, लुब्रिकेंट या कंडोम से वजाइना का पीएच लेवल काफी बढ़ जाता है, जिससे वजाइना मेंइन्फेक्शन हो सकता है। इसलिए, सेक्स के बाद वजाइना को हल्के गुनगुने पानी से जरूर धोना चाहिए। ध्यान रहे धोते समय किसी भी तरह के साबुन या हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। केवल बाहरी हिस्सों की ही सफाई करनी चाहिए।
हमारे प्राइवेट पार्ट्स का रंग हमारे शरीर के बाकी अंगों की तुलना में गहरा होता है। इसलिए इसका रंग निखारने के लिए महिलाएं ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं। ब्लीच में काफी हार्ष केमिकल होते हैं, जो वजाइना को नुकसान पहुंचाते हैं। इसकी वजह से जलन और खुजली जैसी समस्याएं बढ़ जाती है। वजाइन हेल्थ के लिए ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए।