भोपाल। 05 मार्च यानी आज भाजपा के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है। वह अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि वह भाजपा में सबसे अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान अन्य कई नेताओं से अलग हैं। मेहनत से हासिल किया […]
भोपाल। 05 मार्च यानी आज भाजपा के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है। वह अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि वह भाजपा में सबसे अधिक दिनों तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान अन्य कई नेताओं से अलग हैं।
शिवराज सिंह चौहान को राजनीति विरासत में नहीं मिली है, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत से राजनीति में अपना मुकाम हासिल किया है। वह लंबे समय तक सत्ता पर रहने वाले बीजेपी नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान की पहचान पांव-पांव वाले भैया की भी है। वह 17 साल तक मध्य प्रदेश बागडोर संभालते रहे। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर शिवराज सिंह चौहान के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बाते।
शिवराज सिंह का जन्म मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के जैत गांव में 5 मार्च 1959 में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान था, वह पेश से एक किसान थे। शिवराज सिंह के अंदर बचपन से ही राजनीति के गुण दिखने लगे थे। वह बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के थे। बचपन में मजदूरों के एक आंदोलन का नेतृत्व करने पर उनका राजनीतिक रूप सामने आया था। दरअसल, खेतों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के लिए शिवराज सिंह चौहान अपने पिता से भिड़ गए। उन्होंने अपने गांव में मजदूरों की मेहनत का पैसा दोगुना करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया।
उस समय शिवराज सिंह केवल 9 साल थे। उनके गांव में मजदूरी का पैसा बहुत कम था। ऐसे में उन्होंने एक दिन गांव के सभी मजदूरों को इकट्ठा किया। उन्होंने कहा कि जब तक मजदूरों की मजदूरी दोगुनी न हो जाए, तब तक काम पर मत जाना। वहीं मजदूरों ने भी शिवराज सिंह चौहान की बात को माना। उन्होंने मजदूरों का जुलूस निकाला और शिवराज नारे लगाते हुए पूरे गांव में घूमें। इससे मजदूरों का हौसला बढ़ा। वहीं गांव के लोग यह देखकर हैरान हो गए कि एक बच्चा मजदूरों के नेतृत्व का आंदोलन कर रहा है।
इस दौरान शिवराज सिंह ने नारा दिया, ‘मजदूरों का शोषण बंद कर, ढाई पाई नहीं पांच पाई दो।’ बता दें कि 20 साल बाद शिवराज सिंह चौहान को लोकसभा के चुनाव मैदान में उतारा। उन्होंने विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ा। इससे पहले भी वह विदिशा से 5 बार सांसद रह चुके हैं। इसके बाद साल 2005 से साल 2018 के कुछ दिनों को छोड़ दिया जाए, तो वह मध्यप्रदेश की सत्ता संभालते रहे। यह सफर साल 2023 के आखिरी तक जारी रहा। साल 2009 में शिवराज सिंह चौहान बुधनी से विधायक बने।
फिर साल 2005 के बाद हुए उपचुनाव में चौहान विधायक चुने गए। वह बुधनी से ही विधायक हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कई सराहनीय फैसले लिए। उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना, लाडली बहन योजना और प्रतिदिन पौधारोपण करने जैसा काम किया। शिवराज सिंह चौहान का अंदाज अन्य नेताओं से बिल्कुल अलग रहा। बता दें कि वह पिछले 3 सालों से अधिक समय से प्रतिदिन पौधारोपण करते हैं।
प्रदेश के कई राज्यों में भी लाडली लक्ष्मी योजना को मध्य प्रदेश के मॉडल को देखकर लागू किया है। वहीं पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना से प्रेरित है। जन्मदिन के मौके पर शिवराज सिंह चौहान को पीएम मोदी ने दी बधाई।
भाजपा के कर्मठ नेता और सरकार में मेरे सहयोगी शिवराज सिंह चौहान जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। देश की कृषि और किसान भाई-बहनों के कल्याण के साथ-साथ गांवों के विकास में वे अहम भूमिका निभा रहे हैं। ईश्वर से उनके दीर्घायु और आरोग्यपूर्ण जीवन की कामना।@ChouhanShivraj
— Narendra Modi (@narendramodi) March 5, 2025