भोपाल : आज भारत के लिए अहम दिन हैं, क्योंकि आज देशवासियों को नए प्रधानमंत्री मिलने जा रहा हैं। थोड़ी ही देर में दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे। ऐसे में एक नाम चर्चा का विषय बना हुआ है, वह हैं मध्यप्रदेश की धार सांसद सावित्री ठाकुर का। जी हां, सावित्री ठाकुर का नाम इस बार मोदी कैबिनेट की लिस्ट में शामिल है। ऐसे में चलिए जानते हैं कौन है सावित्री ठाकुर, क्या है इनका राजनीतिक इतिहास, कैसे मिला सांसद से मंत्री बनने का मौका, सबकुछ।
परिवार का कभी नहीं रहा राजनीति से रिस्ता
बता दें कि धार सांसद सावित्री ठाकुर ने राजनीति में अपने दम पर जगह बनाई है। उनके परिवार कभी राजनीति से कोई ताल्लुख नहीं रखे। उनके पति पेशे से खेती करते है और पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। इसके साथ सावित्री का संघ से बहुत पुराना जुड़ाव रहा है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में वे दूसरी बार एमपी बनी हैं। ठाकुर दो लाख से अधिक वोटों से जित हासिल की है। चुनाव में सावित्री ने कांग्रेस प्रत्याशी राधेश्याम मुवेल को करारी शिकस्त दी थी। ऐसे में जानें, अब तक का सियासी सफर?
नाम है ठाकुर, मगर हैं आदिवासी
बता दें कि सांसद सावित्री ठाकुर का जन्म 1 जून 1978 को हुआ था। वे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की पृष्ठभूमि से आती हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक NGO में को-ऑर्डिनेटर के रूप में की थी। सावित्री के नाम में ही सिर्फ ठाकुर लगा है, लेकिन मूल रूप से वे आदिवासी समाज से आती हैं। वे 10वीं तक पढाई की हुई हैं।
अपने दम पर आई राजनीति में
सांसद सावित्री ठाकुर ने राज्य की राजनीति में अपने दम पर जगह बनाई है। लेकिन अब ठाकुर दिल्ली में पहुंचने जा रही है. उनके पति तुकाराम ठाकुर पेशे से किसान है और पिता राज्य वन विभाग के कर्मचारी से रिटायर हो चुके हैं। सावित्री NGO में को-ऑर्डिनेटर बनने के दौरान RSS के संपर्क में आईं थी। इसके बाद वो आरएसएस का हिस्सा बन गईं। वहीं आदिवासी समाज से और पढ़ी लिखी महिला होने का फायदा सावित्री को पूरा मिला और धीरे-धीरे उन्होंने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। सबसे पहले वर्ष 2003 में सावित्री जिला पंचायत सदस्य बनी। साल 2004 में उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया गया।
2014 में बीजेपी ने दिया बड़ा अवसर
2004 के दस साल बाद 2014 में सावित्री ठाकुर की किस्मत अचानक चमक उठी और बीजेपी ने उन्हें धार लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी उमंग सिंघार को करारी हार देकर बड़ी जीत हासिल की। उन्हें उद्योग पर बनी संसदीय समिति का मेंबर भी बनाया गया।
2019 में लगा झटका
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में सावित्री ठाकुर को बीजेपी से झटका लगा। पार्टी ने धार सीट से उनका टिकट काटकर छतर सिंह दरबार को उम्मीदवार बनाया। छतर सिंह दरबार ने चुनाव में जीत गए।
2024 में फिर चमक उठा किस्मत
2024 के आमचुनाव में बीजेपी ने मौजूदा सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काट कर पार्टी की तरफ से एक बार फिर सावित्री ठाकुर पर भरोसा जताया गया। और बीजेपी ने ठाकुर को प्रत्याशी बनाया। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राधेश्याम मुवैल को 2.18 लाख मतों से हरा दिया।
आदिवासी व महिला को देखते हुए बनाया जाएगा मंत्री
आदिवासी समाज से आने वाली सावित्री ठाकुर को इस बार मोदी 3.O में जगह मिलने जा रही है। इस साल वो धार संसदीय क्षेत्र से सांसद चुनी गई है। इस साल बीजेपी को आदिवासी समाज ने झोली भरकर वोट दिए हैं। ऐसे में पार्टी इस समाज से नाराजगी लेने की चक्कर में नहीं है। मोदी 3.0 कैबिनेट में आदिवासी समाज से आने वाले फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल नहीं है, ऐसे में आदिवासियों और महिला को साधने के लिए बीजेपी ने सावित्री ठाकुर को कैबिनेट में जगह दी है।
इन राजनीतिक पदों पर रह चुकी ठाकुर
2003 में जिला पंचायत सदस्य
2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष
2010 में धार बीजेपी जिला उपाध्यक्ष
2013 में कृषि उपज मंडी समिति, धामनोद की अध्यक्ष
2014 में लोकसभा सांसद
2017 में बीजेपी राष्ट्रीय किसान मोर्चा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा में कार्यकारिणी सदस्य
वर्तमान में आदिवासी महिला विकास परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री
वर्तमान में बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य