भोपाल। प्रदेश के 7 लाख कर्मचारियों और 5 लाख पेंशनरों की लड़ाई लड़ने वाला अब कोई नहीं रहा। दरअसल, उद्योग विभाग के अंतर्गत आने वाली संस्था ने कर्मचारियों-पेंशनरों की लड़ाई लड़ने वाले सभी संगठनों का पंजीयन निरस्त कर दिया है। अब ये संस्थान किसी मंत्रालय, किसी विभाग में अपनी बात नहीं रख सकते। ये किसी भी तरह का पत्र भी सरकार या अधिकारियों को नहीं भेज सकते। हालांकि, इस बीच खबर यह भी है कि सीएम यादव तक यह मामला पहुंच चुका है। उन्होंने रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी के पदाधिकारियों को तलब किया है. क्योंकि, उद्योग विभाग उनके ही पास है. ये सभी संघ 30 से 55 साल पहले गठित किए गए थे।
जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय कर्मचारी संघ, विधानसभा कर्मचारी संघ, पेंशनर्स एसोसिएशन का पंजीयन रद्द हो गया है. इनके अलावा 3 लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ का पंजीयन भी निरस्त हो चुका है, लेकिन इसका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. इस बीच कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश के मुख्य सचिव को बड़ा आरोप लगाते हुए पत्र भी लिखा है. इस पत्र में लिखा है कि सहायक पंजीयक और फर्म्स संस्थाएं, भोपाल पंजीकृत संस्थाओं के बीच भेदभाव करते हैं. इस पर तुरंत रोक लगाए जाने की जरूरत है।
30 से 55 साल पुराने हैं सगठन
1- एमपी सचिवालयीन (मंत्रालय) कमर्चारी संघ: यह 55 साल पुराना संगठन है। इसे 3 महीने में एक बार नोटिस दिया गया और रजिस्ट्रेंशन रद्द कर दिया गया. इसका पंजीयन क्रमांक 123/1969 था. इस पर शासीय निकाय का निर्वाचन न कराने पर धारा 34 लगाई गई और पंजीयन रद्द कर दिया गया।
2- पेंशनर्स एसोसिएशन: यह 33 साल पुराना संगठन है. इसे धारा 34 के तहत नोटिस देकर 6 सितंबर 2023 को पंजीयन रद्द कर दिया गया. इसका पंजीयन क्रमांक 22231/1989 था.
3- मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ: यह 52 साल पुराना संगठन है. इसका पंजीयन क्रमांक 2981/1972 था. इसे 14 जून 2023 को निरस्त कर दिया गया.
लगाया भेदभाव का आरोप
भोपाल से प्रकाशित निजी समाचार पत्र के मुताबिक इस पत्र में कहा गया है कि रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी ने कुछ पंजीकृत संस्थाओं का पंजीयन यकायक खत्म कर दिया. उन्हें 3 महीने में एक नोटिस देकर निरस्त कर दिया गया. जब्कि, शीघ्र लेखक संघ को साल 2021 से 2024 तक 15 दिन का नोटिस दिया जा रहा है. अब इस संस्था ने हवाला दिया है कि हाल ही में मंत्रालय में लगी आग में इसका RECORD नष्ट हो गया. बता दें, कर्मचारी संगठनों के मामलों, उनमें भेदभाव और पंजीयन रद्द होने की पहली सुनवाई सहायक पंजीयक एवं फर्म्स संस्था करती है. इसकी अपील रजिस्ट्रार फर्म्स सोसायटी के पास होती है.