भोपाल। एमपी सरकार ने पंचायत सचिवों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार उनकी भर्ती व अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े मामले पर बड़ा फैसले लेने जा रही है। इसके बाद सचिव के सेवा में रहते निधन होने पर उसके स्वजन को अनुकंपा नियुक्ति के लिए परेशान नहीं होना होगा। इसे लेकर बड़ा अपडेट यह है कि यदि संबंधित शहर में पद उपलब्ध नहीं भी है तो दूसरे जिले में भी नौकरी दी जा सकेगी। इसके लिए पंचायत सेवा ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें नियम 2011 में संशोधन पर सहमति बन गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद अंतिम अधिसूचना जारी करके नए नियम लागू कर दिए जाएंगे। अब उनके सेवा में रहते हुए निधन होने पर उनके स्वजन को अनुकंपा नियुक्ति के लिए दूसरे जिले में भी नौकरी मिल सकेगी।
बता दें, कि इस संशोधन के बाद यदि संबंधित शहर में पद उपलब्ध नहीं है, तो भी दूसरे जिले में अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी। विभागीय पोर्टल पर उपलब्ध पदों का पूरा विवरण रहेगा। संबंधित व्यक्ति को पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर आवेदन करना होगा। आवेदन पर नियुक्ति के लिए दोनों जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और कलेक्टर सहमति देंगे। प्रस्ताव पंचायतराज संचालनालय को भेजा जाएगा और अनुमति के साथ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्ति आदेश जारी करेंगे।
स्वजनों के लिए राहत
यह फैसला पंचायत सचिवों के स्वजनों के लिए बड़ी राहत होगी। इससे उन्हें अनुकंपा नियुक्ति के लिए दूसरे जिले में भटकना नहीं पड़ेगा। इससे विभाग में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के मामलों का भी जल्द निपटारा हो सकेगा।यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण विकास और पंचायत राज को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बताया जा रहा है कि विभाग में 350 से अधिक अनुकंपा नियुक्ति के मामले अटके पड़े हैं। मध्य प्रदेश में 23 हजार 12 ग्राम पंचायते हैं। प्रदेश में करीब 20 हजार सचिव पदस्थ हैं।