Monday, November 25, 2024

CM पद से हटने के बाद भी शिवराज की भूमिका कायम, प्रत्याशी मांग रहे पूर्व सीएम की सभाएं

भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले फेस की वोटिंग संपन्न हो गई वहीं दूसरे फेज के लिए तैयारियां जोरों पर है। दूसरी तरफ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हो, प्रदेश की अन्य सीटों पर भी उनकी डिमांड बढ़ गई है। बीजेपी प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और सीएम मोहन यादव के बाद उनकी सभा कराने की मांग कर रहे हैं। महिलाओं में भाई और मामा की छवि को भूनाने के लिए बीजेपी ने भी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर प्रचार की जिम्मेदारी उन्हें दी है। एमपी विधानसभा में बीजेपी के जीत के पीछे लाडली बहना का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान को एमपी चुनाव में लाडली बहनो का प्यार खूब मिला। हालांकि वह फिर से सीएम नहीं बन पाए लेकिन उनकी लोकप्रियता के चलते उन्हें केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

विदिशा से 5 बार रह चुके है सांसद

भाजपा ने एमपी के लिए शिवराज को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। विदिशा लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने के बाद लगा था कि शिवराज वहीं बंधकर रह जाएंगे, लेकिन वे विदिशा से पहले भी पांच बार सांसद रहे हैं, उन्हें मैदानी गतिविधियों में जबरदस्त प्रतिसाद मिल रहा है। एक दौर का प्रचार वे अपने क्षेत्र में कर चुके हैं। अब दूसरे सीटों पर उनकी डिमांड बढ़ रही है। पार्टी की प्रादेशिक गतिविधियों में भी उनकी सक्रियता दिखी है। खासकर मध्य भारत की सीटों पर उनका प्रभाव है, जिसका फायदा पार्टी उठाना चाहती है। विदिशा में तीसरे चरण में सात मई को मतदान होना है। पार्टी को लग रहा है कि जो वक्त मिला है, उसका लाभ शिवराज की अन्य सीटों पर सभाओं के जरिये उठाया जा सकता है।

एमपी सबसे लोकप्रिय नेता

एमपी की राजनीति मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान अब भी मध्य प्रदेश में भाजपा के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। महिलाओं में उनकी अपील अब भी कायम है। इसी वजह से प्रत्याशी शिवराज की डिमांड कर रहे हैं। उनकी सभाएं, रैली अलग-अलग सीटों पर आयोजित भी हो रही है।

केंद्र में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

यदि केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनकर आती है तो शिवराज सिंह चौहान को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। कोई बड़ा मंत्रालय उन्हें मिल सकता है। इन संभावनाओं के बीच पार्टी की राज्य इकाई भी शिवराज को महत्व दे रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन का मामला हो या भोपाल में आलोक शर्मा के नामांकन का, हर जगह शिवराज की मौजूदगी ने उनकी लोकप्रियता को एक बार फिर साबित किया है। राजगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी पार्टी शिवराज की लोकप्रियता का लाभ लेना चाहती है।

पूर्व सीएम की संभाएं

18 अप्रैल- भोपाल में आलोक शर्मा का नामांकन के बाद सभा को संबोधित किया।
20 अप्रैल- रीवा में मऊगंज में जनसभा को संबोधित किया।
16 अप्रैल- शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नामांकन के बाद सभा को संबोधित किया।
20 अप्रैल- सतना लोकसभा के रामपुर बघेलान, अमरपाटन, मैहर व उचेहरा और नागौद में जनसभाओं को संबोधित किया
22 अप्रैल- नर्मदापुरम और राजगढ़ संसदीय सीट पर रैली और जनसभा को संबोधित किया।
इन संसदीय सीटों पर भी कर चुके प्रचार- मंडला, बालाघाट,सीधी, छिंदवाड़ा, देवास।

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