भोपाल। एगजाम जैसे -जैसे नजदीक आते है। वैसे-वैसे विद्यार्थियों के दिल की धड़कने बढ़ने लगती है। परीक्षा चाहे फिर किसी नौकरी के लिए हो या किसी कसौटी के लिए हो, हर हाल में परीक्षा तो परीक्षा ही होती है. परीक्षा का सबसे ज्यादा डर छात्रों में देखने को मिलता है. कभी-कभी यह डर इतना बढ़ जाता है, कि बच्चे इसका सामना करने से बचने के लिए कुछ भी कर गुजरते हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में सामने आया है, जहां 10वीं के विद्यार्थी ने गणित की परीक्षा से बचने के लिए ऐसी कहानी रच दी, कि दो राज्यों की पुलिस हैरात में पड़ गई।
छात्र ने रची साजिश
दरअसल यूपी और एमपी की पुलिस 10वीं क्लास के 15 साल के स्टूडेट की वजह से चक्कर घिन्नी रही। पूरा घटनाक्रम सोमवार को सामने आया, जब ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर RPF के जवानों को 15 साल के एक बच्चे ने यह बताया कि कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है और वह बड़ी मुश्किल से अपहरण कर्ताओं के चंगुल से बचकर आया है. अपहरण की बात सुनते ही आरपीएफ जवानों के कान खड़े हो गए।
बच्चे की बात सुनकर पुलिस हुई परेशान
इसकी सूचना तुरंत पड़ाव थाना पुलिस को दी गई. पड़ाव थाना पुलिस भी रेलवे स्टेशन पहुंच गई. इसके बाद पुलिस ने जब 15 वर्ष के बच्चे से पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली, तो उसने बताया कि कि उसे कार सवार कुछ बदमाश अपहरण करके लेकर आए है. पुलिस उस वक्त और परेशान हो गई, जब बच्चे ने बताया कि कार में तीन-चार बच्चे और भी थे, जिन्हें बदमाश अपहरण करके लाए हैं. पुलिस ने जब पूछा कि वह बदमाशों के चंगुल से कैसे बच गया, तो बच्चे ने बताया कि बदमाश कार रोक कर रेलवे स्टेशन के पास चाय पीने लगे थे और यही मौका देखकर वह कार से निकल भागा.
पुलिस ने कहानी का किया पता
पुलिस ने बच्चे द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंचकर तफ्तीश की और CCTV फुटेज खंगाले, लेकिन पुलिस के हाथ कोई भी ऐसा सुराग नहीं लगा। जो इस घटना की पुष्टि कर पाता. इसके बाद पुलिस समझ गई कि बच्चे की कहानी में कोई गोलमाल जरूर है. पुलिस ने बच्चे को तसल्ली से पूछा कि आखिर असली कहानी क्या है, तो बच्चे ने पुलिस को सारी हकीकत बयां कर दी। 15 साल के छात्र ने बताया कि वह कक्षा 10वीं का छात्र है और आज उसका गणित का पेपर है. उसे गणित सब्जेक्ट से बहुत डर लगता है। इस वजह से वह पेपर नहीं देना चाहता था और यही वजह रही कि वह पेपर देने की बजाय ट्रेन में बैठकर ग्वालियर आ गया. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के उदी इलाके के रहने वाले दसवीं के छात्र ने बताया कि वह परिजनों की डांट नहीं खाना चाहता था. इसलिए उसने यह अपहरण की पूरी झूठी कहानी तैयार कर ली.
बच्चे को किया परिजनों के हवाले
पड़ाव थाना पुलिस ने तुरंत इसकी सूचना इटावा पुलिस को दी और इटावा पुलिस को सूचना मिलते ही छात्र के परिजन और इटावा पुलिस ग्वालियर पहुंच गए. यहां इटावा पुलिस के सामने पड़ाव थाना पुलिस ने बच्चें को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया. एक पेपर देने से बचने के लिए छात्र ने ऐसी कहानी रची की दो राज्यों की पुलिस हैरान हो गई।