Sunday, September 29, 2024

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने उज्जैन पहुंचे पूर्व CM कमलनाथ, कहा- BJP माहौल बनाने में उस्ताद

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज उज्जैन पहुंचे। जहां वे सबसे पहले शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया के निवास पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रवि भदौरिया की धर्मपत्नी को श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर पत्रकारों से बातचीत की।

पत्रकारों से की चर्चा

पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने बताया कि आज राहुल गांधी के साथ बाबा महाकाल की पूजा अर्चना कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। उन्होंने बताया कि आज एमपी में सबसे अधिक चुनौती बेरोजगारी की है। जो युवा आज रोजगार के लिए भटक रहे हैं, वही आने वाले समय में देश का निर्माण करेंगे। फिर वह चाहे उज्जैन का हो या एमपी का। जब तक हम युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएंगे, तब तक इस प्रकार की समिट करने का कोई औचित्य नहीं है। पहले शिवराज सिंह चौहान ने भी इस प्रकार की कई समिट आयोजित की और वर्तमान में सीएम मोहन यादव भी इस प्रकार की समिट आयोजित कर रहे हैं, लेकिन प्रश्न यहां किए जाने वाले निवेश का नहीं बल्कि यहां दिए जाने वाले रोजगार का है। रोजगार के साथ आर्थिक गतिविधि बनती है। प्रदेश में निवेश का नहीं बल्कि आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने से रोजगार उत्पन्न होगा। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना ही हमारी प्राथमिकता है, जिसको लेकर मैंने पहले भी कार्य किया है।

नकुल लड़ेगे लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को इतनी सीट मिलेगा के जवाब में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी को 12 से 13 सीट मिलेगी। भारतीय जनता पार्टी हमेशा ही माहौल बनाने में मास्टर रही है और इस बार भी वह यही कर रही है। बीजेपी में शामिल होने की बात पर कमलनाथ ने कहा कि मेरे भाजपा में जाने की बात आप ही लोगों ने फैलाई थी, मैंने कभी अपने मुंह से ये नहीं कहा कि मैं बीजेपी में जा रहा हूं। यह तो आप ही ने चलाया था। मैं किसी संसदीय क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, चुनाव नकुल जरूर लड़ेगा।

मोदी का परिवार नारे पर दिया जवाब

वहीं, ‘मोदी का परिवार’ के जवाब में उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ‘मैं भी चौकीदार’ का नारा दिया गया था, लेकिन अब ‘मोदी का परिवार’ नारा दिया गया है। प्रश्न नारा देने का नहीं है, बल्कि प्रश्न यह है कि जनता इसे किस तरीके से लेती है। भटकते हुए बेरोजगार को इस नारे से क्या लाभ होना है या आप खुद ही समझ सकते हैं।

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