भोपाल। आखिरकार कमलनाथ के लिए बीजेपी के दरवाजे खुल नहीं सके. कमलनाथ कांग्रेस में ही रह गए। कमलनाथ को कांग्रेस में रोकने और बीजेपी में नहीं जाने देने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने भी काम किया तो बहुत काम भाजपा के अंदर मौजूद कई नेताओं ने भी किया जो कमलनाथ के विरोधी थे और उन्होंने कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में आने को लेकर अपना विरोध पार्टी फोरम पर जता दिया था। लेकिन अब बीजेपी के सामने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने बड़ी चुनौती है।
बीजेपी ने की थी रणनीति तैयार
भारतीय जनता पार्टी ने पहले रणनीति तैयार की थी कि कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ को कांग्रेस से तोड़कर भाजपा में ले आएंगे तो छिंदवाड़ा सीट खुद ब खुद बीजेपी की झोली में आ जाएगी। लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी के अंदर ही कमलनाथ और नकुलनाथ को लेकर खासा विरोध हो गया। भारतीय जनता पार्टी के एक नेता तेजिंदर सिंह बग्गा ने तो सार्वजनिक रूप से कमलनाथ को 1984 के सिक्ख दंगों का दोषी और हत्यारा तक बोल दिया।
कमलनाथ के ऐसे बदल गए सुर
जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा। कमलनाथ को भी अपने सुर बदलने पड़े और वे कांग्रेस के वफादार सिपाही के रूप में खुद को प्रचारित करने लगे। लेकिन अब BJP को छिंदवाड़ा में कमलनाथ के परिवार के खिलाफ एक मजबूत कैंडिडेट की जरूरत है. कांग्रेस की तरफ से नकुलनाथ ने बोल दिया है कि इस बार का लोकसभा चुनाव भी वे ही लड़ेंगे और कमलनाथ उनको पीछे से सपोर्ट करेंगे। यानी कांग्रेस का उम्मीदवार लगभग तय है लेकिन बीजेपी का उम्मीदवार छिंदवाड़ा सीट पर कौन होगा, इसे लेकर पार्टी मंथन कर रही है।
बीजेपी ने छिंदवाड़ा सहित 5 सीटों पर घोषित नहीं किए प्रत्याशी
बीजेपी ने छिंदवाड़ा, उज्जैन, इंदौर, बालाघाट, धार लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है। खासतौर पर छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को खास माथापच्ची करना पड़ रही है, क्योंकि यहां पर कमलनाथ का परिवार और मौजूदा सांसद नकुलनाथ को टक्कर देने वाला कैंडिडेट अभी तक भाजपा को नहीं मिला है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी जब मोदी लहर चली थी, उस दौरान भी बीजेपी मध्यप्रदेश की 29 में से 28 सीटें जीत गई थी लेकिन छिंदवाड़ा सीट हार गई थी और कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव जीत गए थे।
ऐसे में बीजेपी के सामने ये बड़ी चुनौती है कि कमलनाथ का गढ़ ढहाने के लिए किस मजबूत दावेदार को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर उतारा जाए। हालांकि इसका जवाब अगले कुछ ही दिनों में मिल जाएगा। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व छिंदवाड़ा सीट को लेकर काफी मंथन कर रहा है।