भोपाल। प्राइमरी एजूकेशन की क्वालिटी बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग मैथ लर्निंग किट डिस्ट्रिब्यूट करने के लिए तैयार है। 52 जिलों के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 और 2 के छात्रों को यह विशेष किट बांटी जाएगी। राज्य के सरकारी स्कूलों में ऐसी किट पेश करने का यह पहला उदाहरण है। यह प्रयास जमीनी स्तर पर मैथ एजुकेशन के सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का संकेत है।
सेंट्रल स्पॉंसर्ड स्कीम
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की डिजाइन की गई गणित किट, राज्य शिक्षा विभाग द्वारा स्ट्रेंथेनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स (स्टार्स) प्रोजेक्ट के तहत खरीदी जाएगी। यह एक सेंट्रल स्पॉंसर्ड स्कीम है।
- सरकारी स्कूलों में बाटी जाएगी किट
फाइनेंसियल ईयर 2024-25 तक पांच सालों में स्टार्स परियोजना का लक्ष्य महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल राज्यों में स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देना है। राज्य शिक्षा विभाग के निदेशक धनराजू एस ने बताया, ‘स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत NCRT द्वारा दी गई किट का उद्देश्य ग्रेड 1 और 2 के स्टूडेंट में गणित कौशल को मजबूत करना है। यह पहली बार होगा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए गणित सीखने की किट का उपयोग किया जाएगा।’
किट में क्या-क्या होगा
बता दें, मैथ किट में कई चीजें मिलेंगी। जैसे- ठोस आकार (वेल्क्रो मॉडल), 3 अलग-अलग आकारों में रंगीन टाइलें, स्टैम्प पैड और स्टैम्पिंग कंटेनर विभिन्न प्राइसटैग की मुद्रा / सिक्कों का सेट, नंबर कार्ड, डोमिनोज़ नंबर कार्ड, ब्लॉक, स्ट्रिंग, घड़ी, पासा और बहुत कुछ इसमें मिलेगा। नियमित उपयोग पर जोर देते हुए, अधिकारियों का मानना है कि ये किट न केवल माप और संख्यात्मकता जैसे विषयों पर वैचारिक स्पष्टता को बढ़ावा देंगे, बल्कि समस्या-समाधान, क्रिएटिविटी, टीम वर्क, इफैक्टिव कम्युनिकेशन और लेंस के माध्यम से दुनिया की व्यापक समझ जैसे आवश्यक प्रक्रिया कौशल भी विकसित करेंगे।