भोपाल. मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले दलबदल और दावेदारी का दौर शुरू हो गया है. मऊगंज की VIP सीट देवतालाब से गिरीश गौतम विधायक हैं. देवतालाब की सबसे खास बात ये है कि यहां 25 साल से बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस 1985 में आखिरी बार यहां से चुनाव जीती थी. इसके बाद वो नंबर दो पर भी नहीं आ पाई. 1985 के बाद 2 बार बीएसपी और 5 बार से बीजेपी यहां से जीती है.
सियासी समीकरण
देवतालाब के सियासी समीकरण की बात करें तो विंध्य की ये सीट भी सामान्य वर्ग के वर्चस्व वाली है. लेकिन, OBC/ST/SC मिलाकर ये आंकड़ा 50 के पार हो जाता है. ऐसे में जीत उसी की होती है जिसके पक्ष में सामान्य या OBC वोट करते हैं. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो OBC 34 फीसदी, सामान्य के 34 फासदी वोट हैं. इसके अलावा 18 फीसदी एससी और 10 फीसदी एसटी वोटर हैं.
2018 का चुनावी परिणाम
अब गौर करते है 2018 के चुनावी परिणाम पर, बता दें कि विधानसभा चुनाव 2018 में यहां बीजेपी ने कब्जा जमाया था. ऐसा भाजपा ने लगातार 5वीं बार किया था. हालांकि, अंतर बहुत ज्यादा नहीं था. यहां से बीजेपी के गिरीश गौतम ने बीसपी की सीमा जयवीर को 1080 मतों से हराया था. इसके बाद गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ये सीट VIP हो गई.
25 साल से बीजेपी के कब्जे में है सीट
पिछले कुछ चुनावों को देखा जाए तो यहां से कांग्रेस जब से हार रही है तब से दूसरे नंबर पर भी नहीं आ पा रही है. आखिरी बार 1985 में कांग्रेस ने देवतालाब से जीत हासिल की थी. इसके बाद दो बार BSP ने यहां कब्जा जमाया. अब 1998 से अभी तक यहां बीजेपी का कब्जा है. इसमें 2008 से अभी तक 3 चुनावों में गिरीश गौतम ने जीत हासिल की है. इससे पहले 1998 और 2023 में बीजेपी के ही पंचू लाल प्रजापति यहां से विधायक रहे. 1990 और 93 में बीएसपी के जयकरण और उससे पहले 1985 में कांग्रेस के बिंद्रा और 1980 में रामखेलवान ने जीत हासिल की थी.
2023 में कौन मारेगा बाजी?
देवतालाब में OBC और सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी बराबर की है. मुकाबला ज्यादातर बीएसपी और बीजेपी के बीच में ही होता आया है. अगर इस बार कांग्रेस ने यहां से कड़ी टक्कर दी तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है. हालांकि, ये तो जनता पार्टियों के प्रत्याशी जानने के बाद ही तय करेगी कि देवतालाब से भोपाल का सफर किसे कराना है.