Monday, September 16, 2024

MP News: एमपी के इस गांव में टीचर ने दाखिले के बदले मांगा मुर्गा, मामले की जांच शुरू

बुरहानपुर. मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. एक सरकारी स्कूल के शिक्षकों द्वारा स्कूल में मुर्गा और दारू पार्टी करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि टीचरों द्वारा इस पार्टी के लिए छात्रों से मुर्गा लिया गया था और समय से पहले स्कूल की छुट्टी करके पार्टी की गई.

मामला सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल

नेपानगर तहसील के ग्राम सोनूद के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूल मे शिक्षकों द्वारा मुर्गा पार्टी करने का मामला सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. स्कूल के शिक्षकों को मुर्गा और दारू पार्टी करते हुए ग्रामीणों ने कैमरे में कैद किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

ग्रामीणों ने शिक्षकों पर लगाया आरोप

सोनुद गांव के युवकों ने शिक्षकों पर आरोप लगाया है कि दो बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए उनसे रिश्वत के तौर पर मुर्गा लिया गया था. शिक्षक उसी मुर्गे की पार्टी कर रहे थे. पार्टी करने के लिए स्कूल को समय से पहले ही बंद कर दिया गया और बच्चों को बोल दिया गया कि तुम्हारी छुट्टी हो गई है, हम किसी अन्य मीटिंग में जा रहे हैं. शिक्षकों ने मीड डे मील भोजन बनाने वाले कमरे में बैठकर पार्टी की.

शिक्षक ने पेंट में किया पेशाब

ग्रामीणों के अनुसार ये घटना शुक्रवार के दिन की है. दोपहर करीब 2 बजकर 25 मिनट पर स्कूल को बंद कर, 3 शिक्षक स्कूल के पास मीड डे मील भोजन बनाने वाले कमरे में बैठकर मुर्गा और दारू पार्टी कर रहे थे. पार्टी करने का वीडियो भी ग्रामीण द्वारा बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है. मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक नवल राठौड़, अरुण पंधारे और सिख राम पवार, यह तीनों शिक्षक स्कूल में बैठकर करीब 3 बजे तक मुर्गा पार्टी कर रहे थे. शिक्षकों के बारे में एक बच्ची ने बताया कि एक सर शराब पीकर स्कूल में आए और पेंट में टॉइलेट कर दिया था.

शिक्षकों को किया जाएगा सस्पेंड

बुरहानपुर जिला कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी हई है. जितने भी शिक्षक मौके पर मौजूद होंगे, उन सबकी जांच की जाएगी. जांच सही पाए जाने पर तत्काल सस्पेंड किया जाएगा. कलेक्टर ने सख्त रवैये में कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और एक्शन लिया जाएगा. अब ये तो मामले की जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि टीचर दोषी है या निर्दोष.

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