भोपाल। मंगलवार को भोपाल में सीएम मोहन यादव ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने इंदौर की प्रसिद्ध हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनका बकाया पैसा मिलेगा। सीएम मोहन यादव ने मजदूरों को भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है। मिल के मजदूरों को मिलेगा बकाया राशि सीएम ने बैठक में […]
भोपाल। मंगलवार को भोपाल में सीएम मोहन यादव ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने इंदौर की प्रसिद्ध हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनका बकाया पैसा मिलेगा। सीएम मोहन यादव ने मजदूरों को भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है।
सीएम ने बैठक में कहा कि इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को बकाया पैसा दिया जाएगा। उन्होंने मजदूरों को भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दी। बता दें हुकुमचंद मिल के मजदूरों का भुगतान दो दशक से लंबित था। मिल के सैकड़ों मजदूरों का लाखों रुपए सालों से बकाया था। इसके लिए वो मिल प्रबंधन से लेकर कोर्ट तक में अपने न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे। अब लंबे समय के बाद मजदूरों की पुरानी मांग पूरी हुई है।
हुकमचंद मिल इंदौर की सबसे आधुनिक और सबसे बड़ी टैक्सटाइल मिल थी। इसकी स्थापना 21 करोड़ रुपए की पूंजी के साथ 1915 में सर सेठ हुकमचंद ने की थी। 80 के दशक में मिल की हालत बिगड़ी और धीरे-धीरे बंद होने के कगार पर आ गई। 12 दिसंबर, 1991 को हुकमचंद मिल प्रबंधन ने मिल बंद कर दिया था। इसके बाद से मिल के 5895 मजदूर अपने न्याय के लिए भटक रहे हैं। लगभग 16 वर्ष पहले हाई कोर्ट ने मिल मजदूरों के पक्ष में करीब 229 करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया था। इसमें से 174 करोड़ रुपये अब तक मजदूरों को नहीं मिले हैं। इस राशि का भुगतान मिल की जमीन बेचकर किया जाना था लेकिन सात बार निविदाएं आमंत्रित करने के बावजूद मिल की जमीन बिक नहीं सकी। हाल ही में नगर निगम और एमपी गृह निर्माण मंडल ने संयुक्त रूप से मिल की जमीन पर व्यावसायिक और आवासीय प्रोजेक्ट लाने पर सहमति जताई है।
एमपी के नए सीएम मोहन यादव शपथ ग्रहण के बाद से लगातार एक्शन में नजर आ रहे हैं। कल उन्होंने अचानक हमीदिया अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। जिसके बाद व्यवस्थाओं को ठीक करने के आदेश दिया। इसके बाद आज प्रशासन की बैठक में उज्जैन की शिप्रा नदी की सफाई के निर्देश दिए हैं।