भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को शपथ ग्रहण कर के एमपी की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। बताया जा रहा है कि बुधवार को हुए कैबिनेट की बैठक में राज्य में प्रशासनिक स्तर पर कई बड़े फैसले लिए गए साथ ही इन्हें तुरंत लागू किए जाने के आदेश […]
 
                            
                         भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को शपथ ग्रहण कर के एमपी की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। बताया जा रहा है कि बुधवार को हुए कैबिनेट की बैठक में राज्य में प्रशासनिक स्तर पर कई बड़े फैसले लिए गए साथ ही इन्हें तुरंत लागू किए जाने के आदेश भी जारी कर दिये गए। अब मध्य प्रदेश में 16वीं विधानसभा का विशेष सत्र 18 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है जो कि 21 दिसंबर तक चलेगा। साथ ही ये नए सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार का यह पहला सत्र भी होगा। इस चार दिवसीय विधानसभा सत्र में नए विधायकों का शपथ और पूर्वकालिक अध्यक्ष का चयन होगा।
बता दें कि इस 18 से 21 दिसंबर के बीच चलने वाले चार दिवसीय विधानसभा सत्र में प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराएंगे। साथ ही विधानसभा के पूर्णकालिक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन भी होगा। ऐसे में गोपाल भार्गव ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ग्रहण करने और अपना पदभार संभालने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
दरअसल, गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, आगामी 18 दिसंबर से 21 दिसंबर 2023 तक चार दिवसीय विधानसभा सत्र आहूत किया गया है जिसमे सभी नव निर्वाचित विधायकों को विधिवत विधानसभा सदस्य की शपथ दिलाई जाएगी और विधानसभा के नियमित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन सम्पन्न होगा तथा शासकीय कार्य सम्पन्न होंगे। इसके पहले गोपाल भार्गव ने प्रोटेम स्पीकर के तौर पर शपथ ग्रहण करने के बाद विधानसभा पहुंच कर प्रोटेम स्पीकर का पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरुवार को पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई। अब प्रोटेम स्पीकर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे। गोपाल भार्गव मध्यप्रदेश के सर्वाधिक वरिष्ठ विधायकों में गिने जाते हैं। यही नहीं वो पूर्व में मध्यप्रदेश में विभिन्न मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। साल 2018 में बनी कमलनाथ की सरकार में गोपाल भार्गव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे।