Patwari Recruitment Exam Scam: पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आ गई है। लंबे समय से बहुप्रतीक्षित न्यायमूर्ति वर्मा आयोग की रिपोर्ट एमपी सरकार को सौंप दी गई है। सरकार की ओर से फिलहाल रिपोर्ट को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है और चुप्पी सरकार ने साधी हुई है लेकिन इस […]
Patwari Recruitment Exam Scam: पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाले को लेकर बड़ी रिपोर्ट सामने आ गई है। लंबे समय से बहुप्रतीक्षित न्यायमूर्ति वर्मा आयोग की रिपोर्ट एमपी सरकार को सौंप दी गई है। सरकार की ओर से फिलहाल रिपोर्ट को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है और चुप्पी सरकार ने साधी हुई है लेकिन इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को अब कोई बड़ा निर्णय लेना होगा। सरकार के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने 31 जनवरी को तीसरी समय सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले 30 जनवरी को सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।
आपको बता दें कि राज्य व्यवसाय शिक्षा बोर्ड ने पटवारी भर्ती के लिए नवंबर 2022 में 9000 से ज्यादा पदों के लिए विज्ञापन दिया था और परीक्षाएं मार्च-अप्रैल 2023 में आयोजित की गईं थीं। 12 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था और नौ लाख से अधिक अंततः परीक्षा में उपस्थित हुए थे। 8617 पदों के लिए परिणाम 30 जून 2023 को घोषित किए गए थे और जो लोग परीक्षा में शामिल हुए थे, वे अगले कुछ दिनों में सड़कों पर उतर आए, क्योंकि उनको पता चला कि शीर्ष 10 टॉपर्स में से 7 एनआरआई कॉलेज ग्वालियर में परीक्षा में शामिल हुए थे.
मामला तब और संदिग्ध हो गया जब पता चला कि कॉलेज एक बीजेपी नेता का है। इसके बाद ही राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 जुलाई 2023 को परीक्षा रोक दी और 3 दिन बाद जस्टिस वर्मा आयोग की घोषणा की गई। राज्य सरकार पर इससे पहले भी कई सारी परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर आरोप लगते रहे हैं, जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में न्यायमूर्ति वर्मा आयोग का गठन कर जांच कराई।
रिपोर्ट मिलने के बाद से सरकार की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। सरकार ने पूरी तरह से चुप्पी साधी हुई है. लेकिन सीएम मोहन यादव पर अब इस मामले को लेकर बड़ा दबाव होगा, क्योंकि अब उनको इस मामले में बड़ा निर्णय लेना होगा. जो परीक्षा होल्ड की थी, उसे अब आगे ले जाना होगा और मामले में यदि कोई दोषी है तो उसके खिलाफ एक्शन लेना होगा। फिलहाल सभी को मुख्यमंत्री मोहन यादव के अगले स्टेप का इंतजार है।