भोपाल। कमलनाथ इस वक्त दिल्ली स्थित अपने बंगले पर हैं और उनके बंगले की सुरक्षा को केंद्र सरकार ने बढ़ा दी है। जाहिर है कि कमलनाथ का अब भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है। शनिवार दिनभर चले राजनीतिक उठापटक के बीच ये तय है कि कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ दोनों ही […]
भोपाल। कमलनाथ इस वक्त दिल्ली स्थित अपने बंगले पर हैं और उनके बंगले की सुरक्षा को केंद्र सरकार ने बढ़ा दी है। जाहिर है कि कमलनाथ का अब भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है। शनिवार दिनभर चले राजनीतिक उठापटक के बीच ये तय है कि कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ दोनों ही भारतीय जनता पार्टी में किसी भी समय शामिल हो सकते हैं। लेकिन इससे पहले रविवार को कमलनाथ और नकुलनाथ की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हो सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि कमलनाथ और नकुलनाथ पहले गृहमंत्री अमित शाह से और फिर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि देर शाम तक कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबर सामने आ सकती है. हालांकि अभी तक सिर्फ अटकलें हैं लेकिन कमलनाथ ने किसी भी खबर और किसी भी अटकलों को खारिज नहीं किया है। वहीं कमलनाथ और नकुलनाथ क्या सिर्फ अकेले ही बीजेपी में शामिल होंगे या उनके समर्थक विधायक भी भाजपा के पाले में आ जाएंगे, इसे लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है। कमलनाथ से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि उनके संपर्क में कांग्रेस के कुल 15 विधायक हैं जो उनके साथ ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। कमलनाथ के सबसे करीबी और कट्टर समर्थक सज्जन सिंह वर्मा भी उनके साथ बीजेपी में जा सकते हैं। हालांकि सज्जन सिंह वर्मा ने अभी इसे लेकर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि कमलनाथ और नकुलनाथ का भाजपा में जाना तय है। जहां पर ये दोनों रहेंगे, सज्जन सिंह वर्मा भी वहीं रहेगा। लेकिन साथ में यह भी कहते हैं कि अभी सब अटकलें हैं, सही खबर के लिए इंतजार कीजिए।
कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबरों के सामने आने के बाद से छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल-दिल्ली तक काफी हलचल मची हुई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बीते दिन प्रेस कांफ्रेंस करके उम्मीद जताई है कि कमलनाथ कांग्रेस का नहीं छोड़ेगे क्योंकि उनको कांग्रेस में स्व.इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा माना जाता है। 6 दशक तक उन्होंने कांग्रेस को सींचा और बड़ा किया है और ऐसे में वे अपनी ही मातृसंस्था को छोड़कर नहीं जाएंगे। लेकिन हालात जिस तरह के अब बन चुके हैं, उसमें जीतू पटवारी की बातें कितनी सच साबित होगी, ये देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल सभी कमलनाथ के अगले स्टेप का इंतजार कर रहे हैं।