भोपाल। लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच देश-प्रदेश में सियासी दलबदल का खेल भी जमकर चल रहा है। एमपी में लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की सभी 29 सीटों पर 4 चरणों में मतदान संपन्न होने तक कांग्रेस के 3 मौजूदा विधायकों समेत अनेक पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भी भाजपा […]
भोपाल। लोकसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच देश-प्रदेश में सियासी दलबदल का खेल भी जमकर चल रहा है। एमपी में लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश की सभी 29 सीटों पर 4 चरणों में मतदान संपन्न होने तक कांग्रेस के 3 मौजूदा विधायकों समेत अनेक पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता भी भाजपा के पाले में जाकर बैठ गए। इस सियासी अवसरवाद को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बार फिर दलबदलुओं पर तंज कसते हुए उन्हें डरे हुए मौकापरस्तों की संज्ञा दी है। जीतू ने इसके साथ दलबदलू नेताओं को आगाह भी किया और कहा कि बीते दस सालों में पार्टी छोड़कर जाने वाले ज्यादातर नेता गुमनामी के अंधेरे में गुम हो गए।
जीतू ने अपने X हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सच्चाई सिर्फ यह है कि बीते 10 सालों में 35 कांग्रेसी विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा, लेकिन उसमें से 22 नेताओं का सियासी सफर लगभग गुमनामी में चला गया है। ज्यादातर नेता या तो चुनाव हार गए या फिर उन्हें टिकट ही नहीं मिला। यह भी न भूलें कि इन 35 नेताओं में फिलहाल 9 ही विधायक हैं और उनमें से भी केवल 4 ही मंत्री पद तक पहुंच पाए।
जीतू ने आगे लिखा कि बीजेपी भय और लालच के दम पर विपक्ष को खत्म करना चाहती है। डरे हुए कुछ मौकापरस्त मन बदल भी रहे हैं। लेकिन, उनकी स्थिति जनता भी देख/समझ रही है। कभी हमारे मित्र, साथी, सहयोगी रहे ऐसे चेहरों के प्रति मेरी पूरी सहानुभूति है। इसके साथ ही यह दिली इच्छा भी है कि यदि वे राजनीति को जनसेवा का जरिया मानते हों, तो ईश्वर उनकी मदद करे।