भोपाल। भोपाल के पुराने शहर में स्थित 18वीं शताब्दी के गोलघर का रिनोवेशन पूरा हो गया है। इस रिनोवेशन में कुल 4 करोड़ रुपए का खर्च किया गया है। इसके बाद गोलघर अपने पुराने रूप में फिर से अवलोकनीय बन गया है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई काम शामिल हैं जैसे कि लैंडस्केपिंग वर्क, म्यूजियम […]
भोपाल। भोपाल के पुराने शहर में स्थित 18वीं शताब्दी के गोलघर का रिनोवेशन पूरा हो गया है। इस रिनोवेशन में कुल 4 करोड़ रुपए का खर्च किया गया है। इसके बाद गोलघर अपने पुराने रूप में फिर से अवलोकनीय बन गया है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कई काम शामिल हैं जैसे कि लैंडस्केपिंग वर्क, म्यूजियम का निर्माण, बिजली व्यवस्था, पाथ-वे की व्यवस्था आदि। वहीं शुक्रवार को सीएम यादव ने गोलघर का लोकार्पण किया।
दरअसल आपको बता दें कि गोलघर का निर्माण वर्ष 1868 से 1901 के बीच में नवाब शाहजहां बेगम ने करवाया था। वहीं इसे गुलशन-ए-आलम के नाम से भी पहचाना जाता है। इस गोलघर में आर्किटेक्ट शाहजहांनाबाद का वॉटर चैनल प्लान करने वाले इंजीनियर ऑस्टिन कुक और मुंशी हसन खां ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। गोलघर का रिनोवेशन काम मप्र पर्यटन विकास निगम के माध्यम से पुरातत्व विभाग ने किया है। इसमें पाथ-वे एवं ड्रेनेज सिस्टम, लैंडस्केपिंग वर्क, आकर्षक बिजली सज्जा, बाउंड्रीवॉल, म्यूजियम में प्रदर्शनी की व्यवस्था, वीथिकाओं में ऑर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर आदि शामिल हैं।
गोलघर शाहजहांनाबाद की बेहद खूबसूरत इमारत है जिसे गुलशन-ए-आलम के नाम से भी जाना जाता है। इस इमारत का ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यहां से नवाबी दौर में सेक्रेट्रिएट के सारे काम किए जाते थे। इसमें कई रोमांचक और महत्वपूर्ण कथाएं जुड़ी हैं जैसे कि इसमें सोने-चांदी के तारों से बनाए गए बये के घोंसले आदि। इसे पुरानी बातों के खजाने में से एक महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है। दरअसल रिनोवेशन के काम ने स्थानीय समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो कि पर्यटकों को खींचने में सहायक होगा। इससे शहर का पर्यटन क्षेत्र और भी आकर्षक और सुरक्षित होगा जो कि स्थानीय विकास को प्रोत्साहन देगा।