भोपाल। एमपी में राजनीति गरम है। कमलनाथ बीजेपी में कभी भी शामिल हो सकते हैं, इस तरह की खबरें सुबह से लगातार चल रही हैं। कमलनाथ के साथ ही उनके सांसद बेटे नकुलनाथ और सज्जन सिंह वर्मा सहित कई कद्दावर नेता भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते है। इस तरह की अटकलें भी […]
भोपाल। एमपी में राजनीति गरम है। कमलनाथ बीजेपी में कभी भी शामिल हो सकते हैं, इस तरह की खबरें सुबह से लगातार चल रही हैं। कमलनाथ के साथ ही उनके सांसद बेटे नकुलनाथ और सज्जन सिंह वर्मा सहित कई कद्दावर नेता भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते है। इस तरह की अटकलें भी लगातार लगाई जा रही हैं। कमलनाथ दिल्ली पहुंच चुके हैं और उन्होंने अभी तक अपने तरफ से कुछ भी कहा है।
इन सभी अटकलों पर पहले दिग्विजय ने विराम लगाया वहीं अब जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने की खबरों को निराधार बताया है।
जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ के भाजपा में जाने की सभी अफवाहें गलत हैं. वे भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। जीतू पटवारी ने कहा कि दो महीने पहले हम सभी ने कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मिलकर चुनाव लड़ा था. खुद कमलनाथ जी के प्रस्ताव पर राज्यसभा चुनाव के लिए अशोक सिंह को बतौर उम्मीदवार खड़ा किया गया और सभी विधायकों ने उस पर सहमति दी।
वही इसके उलट भाजपा खेमे में एक अलग ही तरह की खुशी का माहौल है। bjp प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ-नकुलनाथ की फोटो x पर पोस्ट करते हुए ‘जय श्री राम’ लिखा है। जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या कमलनाथ या नकुलनाथ बीजेपी जा रहे हैं. हालाँकि नकुलनाथ या कमलनाथ की तरफ से न तो बीजेपी में जाने को लेकर कोई बयान आया है और न ही उन्हों अब तक इसका खंडन किया है. फिलहाल दोनो दिल्ली पहुंच चुके है। वह राजदूत मार्ग स्थित अपने बंगले पर मौजूद हैं।
सज्जन सिंह वर्मा के सोशल मीडिया अकाउंट पर पूर्व में कांग्रेस का नाम और चिन्ह मौजूद था। लेकिन अब उन्होंने अकाउंट से कांग्रेस का नाम और चिन्ह दोनों हटा दिया है। चूंकि सज्जन सिंह वर्मा मूल रूप से कमलनाथ के सबसे करीबी और सबसे कट्टर समर्थक माने जाते हैं तो ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सज्जन सिंह वर्मा भी नकुलनाथ और कमलनाथ के साथ कांग्रेस छोड़ देंगे। हालांकि सज्जन सिंह वर्मा कांग्रेस छोड़ेंगे और भाजपा में शामिल होंगे, ऐसी किसी बात या खबर को उन्होंने न तो कंफर्म किया है और न ही खंडन किया है। लेकिन उनके बदले हुए सोशल मीडिया बायो ने एमपी की राजनीति में बड़ी हलचल पैदा कर दी है।