एमपी में 29 लोकसभा सीटों के नतीजे आ गए है। इसके साथ ही प्रदेश में एक राज्यसभा की सीट और 2 विधानसभा की सीटों पर 6 माह के अंदर उपचुनाव होंगे। राज्यसभा सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के चलते खाली होगी। वहीं, विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान को […]
एमपी में 29 लोकसभा सीटों के नतीजे आ गए है। इसके साथ ही प्रदेश में एक राज्यसभा की सीट और 2 विधानसभा की सीटों पर 6 माह के अंदर उपचुनाव होंगे। राज्यसभा सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के चलते खाली होगी। वहीं, विदिशा से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान को बुधनी विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद खाली होगी। वहीं, छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह बीजेपी में शामिल होने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे चुके है। उनके इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार भी कर लिया है। ऐसे में साफ है कि एमपी में दो विधानसभा सीटें खाली हो गई है। इन सीटों पर जल्द ही उपचुनाव होंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना-शिवपुरी से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा की सीट खाली हो गई है। उनका कार्यकाल 2026 तक था। ऐसे में अब उनकी जगह भाजपा पर नए उम्मीदवार को राज्यसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा। चर्चा है कि भाजपा केपी यादव को सिंधिया की जगह राज्यसभा भेज सकती है। पार्टी ने यादव का टिकट काटकर ही सिंधिया को प्रत्याशी बनाया था।
छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर भाजपा कमलेश शाह को ही प्रत्याशी बना सकती है। वहीं, बुधनी में शिवराज सिंह चौहान की जगह कार्तिकेय चौहान को प्रत्याशी बनाया जा सकता है। बुधनी में कार्तिकेय काफी सक्रिय है। हालांकि इसका निर्णय पार्टी का नेतृत्व लेगा। इसके अलावा रमाकांत भार्गव को भी प्रत्याशी बनाने की चर्चा है। दरअसल रमाकांत भार्गव का टिकटकर काट कर ही विदिशा में शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया।
लोकसभा चुनाव के बीच में कांग्रेस के तीन विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इसमें शाह ने सदस्यता लेने के साथ ही विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, विजयपुर से विधायक रामनिवास रावत और बीना से विधायक निर्मला सप्रे भी भाजपा में शामिल हुई है, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में अभी इन दोनों सीटों पर उपचुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।