भोपाल: आप यह सुन कर अचंभित जरूर हुए होंगे कि 11 साल बाद फिर से एमपी में चुनाव। जी हां, चुनाव तो ऐसे हर पांच साल में होते है, लेकिन मध्य प्रदेश में 11 साल से एक चुनाव बार-बार किसी कारण से टल जा रहा था। सभी समितियां प्रशासक के भरोसे बैठी थीं। अब हाई कोर्ट के आदेश पर 11 साल बाद लोगों को गुड न्यूज़ मिली है। सहकारी संस्थाओं के चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। प्रदेश सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी ने 4 फेज में वोटिंग कराने का कार्यक्रम तय किया है। इसके मुताबिक 26 जून से 9 सितंबर तक मतदान होगा। सदस्यता लिस्ट जारी करने के बाद 8, 11, 28 अगस्त और 4 सितंबर को वोटिंग होगी। मतदान के खत्म होते ही काउंटिंग होगी।
सबसे पहले सहकारी समितियों के चुनाव
जारी हुई कार्यक्रम के मुताबिक, सबसे पहले प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और विभिन्न संस्थाओं में भेजे जाने वाले प्रतिनिधियों के मतदान होंगे। इसके आधार पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और अपेक्स बैंक के संचालक मंडल का मतदान होगा। बता दें कि अभी सभी संस्थाओं में प्रशासक नियुक्त हैं, जो हर 5 वर्ष में चुनाव कराने के प्रावधान के विरोध में है।
इन समितियों के नहीं होंगे चुनाव
ऐसे में बता दें कि कुछ ऐसे समितियों के चुनाव है जो नहीं हो पाएंगे, जो अलग-अलग वजहों से अपात्र हैं। इसमें खाद-बीज की राशि न चुकाने, गेहूं, धान समेत अन्य उपजों के उपार्जन में गड़बड़ी या अन्य वजहों से अपात्र घोषित संस्थाएं का नाम अंकित हैं।