भोपाल। आचार संहिता खत्म होते ही एमपी की सरकार एक्शन में आने वाली है। रिजल्ट के बाद मोहन सरकार कई बड़े फैसले ले सकती है। उनमें सबसे ज्यादा चर्चा एक बात को लेकर शुरू हो गई है कि मोहन यादव फिर से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक फैसला पलट सकते हैं। इसे लेकर खाका तैयार किया जा रहा है। मोहन सरकार की महिला मंत्री ने इसे लेकर कुछ दिनों पहले एक चिट्ठी लिखी थी। शायद उसी के आधार पर यह एक्शन हो रहा है।
2 साल पहले शिवराज सरकार में हुआ था बंद
दरअसल, दो साल पहले तत्कालीन शिवराज सरकार में राजधानी परियोजना प्रशासन को बंद कर दिया गया था। इसे सीपीए कहा जाता रहा है। सीपीए के पास शहर की सड़कों का निर्माण करवाना और उस पर पेड़-पौधे लगाकर संरक्षण करने का था। इसका गठन 1960 में पर्यावरण विभाग के अधीन हुआ था। 2022 में भोपाल की सड़कों की खास्ताहाल स्थिति को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कठोर फैसले लिए थे और इसे बंद कर दिया था।
3 विभागों के पास है काम
तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद 3 मार्च 2022 को इस विभाग को बंद कर दिया गया था। बंद होने के बाद इसके अधीन आने वाली सड़कों का काम नगर निगम, PWD और वन विभाग देख रहा है।
मंत्री की चिट्ठी के बाद एक्शन
वहीं, नई सरकार में मोहन यादव की महिला मंत्री और भोपाल के गोविंदापुरा इलाके से विधायक कृष्णा गौर ने सरकार को एक चिट्ठी लिखी थी। साथ ही उन्होंने फिर से CPM को शुरू करने की मांग थी। कहा जा रहा है कि कृष्णा गौर की चिट्ठी के बाद सरकार एक्शन में आई है। अगले सप्ताह मुख्य सचिव वीरा राणा सीपीए से संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर करेंगी। बैठक में जो निष्कर्ष निकलकर आएगा, उसके बाद फिर से सीपीए को बहाल करने पर फैसला हो सकता है। हालांकि चर्चा है कि इस बार यह नगरीय एवं विकास विभाग के अधीन होगा।
पलट जाएगा शिवराज सिंह चौहान का फैसला
अफसरों की बैठक में अगर सब कुछ ठीक रहा तो एमपी सरकार को CPA को फिर से बहाल कर सकती है। सीपीए के फिर से बहाल होने के बाद शिवराज सिंह चौहान का दो साल पुराना फैसला पलट जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान का एक फैसला पलट चुके हैं। उनकी सरकार में एमपी गान के दौरान खड़ा होना अनिवार्य थे, जिसे मोहन यादव ने बंद करवा दिया है।