भोपाल। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दल-बदल का सिलसिला जारी है। सभी पार्टियां जी तोड मेहनत कर रही है। वहीं तीसरी फेज की तैयारी भी तेज है इसी कड़ी में इंदौर में कांग्रेस को झटका देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले अक्षय कांति बम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. नामांकन वापिस लेने के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस लेने के बाद अक्षय बम पर कई तरह के आरोप लग रहे हैं. अब इस बीच कोर्ट ने भी अक्षय बम को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है.
अक्षय बम ने डर से जॉइन की भाजपा?
अक्षय बम, इंदौर लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामने के कारण चर्चा में हैं. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी. यही कारण है कि अक्षय बम ने डर की वजह से भाजपा जॉइन कर ली.
17 साल पुराना केस
अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने के मामले में FIR दर्ज की गई थी. उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब FIR में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी. जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस कैडिंडेट के तौर पर नामांकन भरा. उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर IPC की धारा 307 लगाई गई. उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया.