भोपाल। एमपी के बुरहानपुर में संचालित माइक्रो विजन एकेडमी की स्टूडेंट की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने का मामला सामने आया है। बच्ची की मौत होने के बाद पीड़ित परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है दरअसल, मंगलवार रात 11:00 बजे कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा को अचानक रात में सीने में तकलीफ हुई तो उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां कार्डियक अरेस्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। इसकी सूचना प्रबंधक ने परिजनों को दी। बच्ची का शव देखने के बाद से घर में मातम पसरा हुआ है।
घर वालों ने मैनेजमेंट पर लगाए आरोप
बच्ची की हालत पता चलने पर पहुंचे परिजनों ने मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें बच्ची की बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई। बार-बार कहते रहे की बच्ची ठीक है। आधे घंटे पहले उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई आप तुरंत बुरहानपुर आ जाएं। वहीं, इस मामले में मैनेजर का कहना है कि यह घटना हमारे लिए भी दुखद है। हमने किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती। जैसे ही छात्र की तबीयत खराब हुई उसे तुरंत अस्पताल में एडमिट किया गया। जहां उसकी रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर हमारे पास है।
मैनेजमेंट ने आरोपों पर दी सफाई
माइक्रो विजन के मैनेजमेंट का कहना है कि हमारी तरफ से छात्र को बचाने में कोई कमी नहीं रखी गई। मृतक नाबालिग सेंधवा की रहने वाली थी। उसके पिता डॉक्टर लोहार ब्राह्मणे पीजी कॉलेज झाबुआ मैं असिस्टेंट प्रोफेसर है। उन्होंने बताया कि उन्होंने माइक्रो विजन स्कूल में पिछले महीने की 28 तारीख को बेटी का एडमिशन कराने पहुंचे थे। वह कक्षा ग्यारहवीं में थी और 12वीं की तैयारी कर रही थी। हमारा और उसका सपना था कि वह डॉक्टर बने जिसकी तैयारी के लिए हमने उसे छोड़ दिया था।
घर वालों के आने से पहले गई जान
डॉक्टर ने कहा कि आपकी बच्ची की तबीयत बिगड़ती जा रही है। इसके बाद जब तक हम बुरहानपुर पहुंचे बच्ची की जान जा चुकी थी। पीड़ित पिता का आरोप है कि इससे पहले प्रबंधक ने हमें कभी नहीं बताया कि बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब है। इतना ही नहीं वह स्कूल भी नहीं जा रही थी और हॉस्टल में ही रह रही है।
डॉक्टर ने बीपी लो होने की दी जानकारी
पीड़ित पिता ने कहा कि मंगलवार शाम 5:00 बजे बेटी से हमारी बातचीत हुई तो उसने बुखार होने की जानकारी दी। इसके साथ ही वार्डन के साथ डॉक्टर को चेक करने जाने के बारे में बताया। वहीं, इस पूरे मामले में जब डॉक्टर से बात हुई तो उसने कहा कि आपकी बच्ची का बीपी लो हो रहा है। एंजियोग्राफी करना पड़ेगी। लड़की के पिता ने तुरंत अच्छे से इलाज करने की बात कही और बेटी से मिलने के लिए निकल गए।
मैनेजमेंट ने जमा कराए CCTV
माइक्रो विज़न अकादमी संचालक डॉक्टर आनंद चौक से ने कहा कि 1 महीने पहले ही बच्ची ने 11वीं कक्षा में एडमिशन लिया था। कल अचानक सीने में दर्द हो रहा था। चेक कराने के बाद पता चला कि सीवर अटैक है। उसके फैमिली डॉक्टर को बताया था कि ऐसा हो रहा है। परिजनों ने व्हाट्सएप पर हमें इलाज के लिए अनुमति दी थी। हमने जब एंजियोग्राफी कराई तो उसमें कुछ नहीं निकला। ICU में जाते से आते बालिका की मौत हो गई। हमारे डॉक्टर ने लगातार उसे बचाने का प्रयास किया गया। लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। इसके बाद हमने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। हमारे संस्थान में सभी दूर कैमरे लगे हुए हैं जिसकी रिकॉर्डिंग हमने पुलिस को उपलब्ध करा दी है।