भोपाल। एमपी चुनाव में वोटिंग के बाद आज जहां एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर पहुंच रहे हैं तो उनके पहुंचने से पहले एक जैन संत विबुद्ध सागर महाराज के अनशन ने प्रशासन और सिंधिया स्कूल के पसीने छुटा दिए हैं। फिलहाल पूरे मामले में सिंधिया स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.
जैन प्रतिमा के दर्शन करना चाहते हैं मुनि
जैन समाज सिंधिया स्कूल परिसर में बने भवन को अपना मंदिर बताता है। इस भवन पर भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा है। जैन मुनि इसी प्रतिमा के दर्शन करना चाहते हैं। लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया इसलिए वह कल से ही स्कूल के बाहर अनशन पर बैठे हुए हैं। फिलहाल पूरे मामले में सिंधिया स्कूल प्रबंधन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। सिंधिया स्कूल के गेट के बाहर जैन मुनि के अनशन पर बैठने के बाद जैन समाज के लोग भी उनके अनशन में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे हैं। जैन संत के इस रुख से सिंधिया स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मच हुआ है। ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर जैन धर्म की प्राचीन प्रतिमाएं हैं. वहीं इस बारे में जैन समाज के लोगों ने सिंधिया स्कूल के प्रबंधन पर भी आरोप लगाए हैं।
निर्माण कार्य की वजह से नहीं हुए दर्शन
पवन जैन एडवोकेट बताते हैं कि कल सुबह महाराज का चात्रमास संपन्न हुआ है। जिसके बाद महाराज की इच्छा थी कि उन्हें प्रतिमा के दर्शन करने दिया जाए। मैंने और समाज के लोगों ने कहा हां करा दिए जाएंगे। हम जैसे नॉर्मल दिनों में आते हैं वैसे ही आए और दर्शन कराए। पहले यहां से प्रतिमा के दर्शन हो जाते थे, लेकिन निर्माण कार्य होने के कारण दर्शन नहीं हो पाते हैं। मूर्ति 3 मंजिला इमारत मे स्थापित है। तो वो साफ नहीं दिख पा रही थी। इसी के बाद महाराज जी ने कहा कि मुझे दर्शन नहीं हुए हैं हमने दूसरे रास्ते से दर्शन करने के लिए सिंधिया स्कूल प्रशासन से अनुमति ली थी. तय समय अनुसार हम 12 बजे स्कूल गेट के बाहर पहुंच गए, लेकिन यहां आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने दर्शन कराने से साफ मना कर दिया। दोबारा बातचीत होने के बाद भी दर्शन करने नहीं दिया गया । यही कारण महाराज जी दर्शन के लिए अनशन पर बैठे हुए हैं।