Saturday, November 23, 2024

मध्य प्रदेश: ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता की मना रहे 78वीं जयंती, जानिए उनकी जीवन गाथा

भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की आज 78वीं जयंती है. जिसे सिंधिया हर वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. खास बात तो यह हैं कि उनके पिता के जन्मदिन पर 27 साल बाद शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में तीन टाइगर को शिफ्ट किया जाएगा। इस सौगात को लेकर सिंधिया बहुत खुश है. एक समय था जब माधवराव सिंधिया का शुमार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में होता था. बता दें कि पन्ना, बांधवगढ़ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाकर टाइगर को छोड़ा जाएगा.

कब हुआ था माधवराव सिंधिया का जन्म?

बता दें, माधवराव सिंधिया ने 10 मार्च 1945 को मुंबई में जन्म लिया था। वे भारतीय राजनीतिज्ञ थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में मंत्री रह चुके थे। 1961 में अपने पिता जीवाजी राव की मृत्यु के उपरांत ग्वालियर के अंतिम नाममात्र के महाराज भी रह चुके थे। 1971 में भारत के संविधान में 26 वें संशोधन के बाद भारत सरकार ने रियासतों के सभी आधिकारिक प्रतीकों का अंत कर दिया, जिसमें शीर्षक, विशेषाधिकार और पारिश्रमिक सम्मिलित थे.

कहाँ से ली थी शिक्षा?

माधवराव सिंधिया ने अपनी शिक्षा सिंधिया स्कूल से ग्रहण की थी। सिंधिया स्कूल का निर्माण इनके परिवार ने ग्वालियर में किया था। उसके बाद माधवराव सिंधिया ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा हासिल की थी.

राजनैतिक सफर

राजशाही के समाप्त होने के बाद माधव राव सिंधिया ने गुना से चुनाव लड़ा था।उन्होंने 1971 में महज 26 साल की उम्र में चुनाव जीता था. जिसके बाद उन्हें एक भी चुनाव पर हार हाथ नहीं लगी। वे लगातार नौ बार लोकसभा के सांसद बने थे। 1984 में उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को ग्वालियर से चुनाव हरा दिया था।1996 में उन्हें अर्जुन सिंह और अन्य कांग्रेस असंतुष्टों के साथ केंद्र में संयुक्त मोर्चा सरकार का हिस्सा बनने का मौका दिया गया था। बता दें, उनका मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस, संयुक्त मोर्चे का भाग था, लेकिन सिंधिया ने खुद को मंत्रिमंडल से बाहर रहने का विकल्प चुना लिया था। वे 1990 से 1993 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।

कब हुई थी मृत्यु?

बताते चलें कि उनकी मृत्यु 30 सितंबर 2001 को एक रैली के संबोधन के लिए दिल्ली से कानपुर जाते समय मैनपुरी में एक हवाई जहाज दुर्घटना में हो गई थी। भैंसरोली गाँव के ऊपर विमान में आग लग गई थी। उस समय झमाझम बारिश हो रही थी लेकिन फिर भी आग नहीं बुझी थी। खेत में गिरे विमान पर ग्रामीणों ने कीचड़ डाल कर आग को बुझाने की कोशिश की थी। यह एक निजी विमान था। इस विमान में ब्लैक बॉक्स मौजूद नहीं था। इसमें सवार सभी आठ व्यक्ति मृत्यु के शिकार हो गए थे। इसमें उनके निजी सचिव रूपिंदर सिंह, पत्रकार संजीव सिन्हा, अंजू शर्मा, गोपाल बिष्ट, रंजन झा, पायलट रे गौतम और सह-पायलट रितु मलिक सम्मिलित थे। प्रोफेसर टी॰डी॰ डोगरा ने एम्स नई दिल्ली में शव का परीक्षण किया और अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया था।

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