Thursday, September 19, 2024

मध्य प्रदेश: कुनो के बाद कल माधव नेशनल पार्क टाइगर की दहाड़ से होगा आबाद, पढ़िए पूरी अपडेट

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग को उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जंयती पर टूरिज्म के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने वाली है। कल यानि शुक्रवार को कूनो अभ्यारण्य के बाद अब शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में टाइगर की दहाड़ की गूंज सुनाई देगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन टाइगर को यहां छोड़ेंगे।

27 साल के बाद घूमेंगे टाइगर

बताते चलें कि ग्वालियर आए उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि मेरे पिताजी के जन्मदिन के अवसर पर बड़ी सौगात मिल रही है। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में 27 साल पहले टाइगर की आवाज सुनाई दी थी, लेकिन अब 27 साल बाद टाइगर फिर से आ रहे हैं, इसके लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह को धन्यवाद देता हूं। कल हम तीन टाइगर को रिलीज कर देंगे। जिससे ग्वालियर चंबल संभाग में टूरिज्म का एक नया कॉरिडोर बनाया जा रहा है। रणथंबौर राजस्थान से टूरिस्ट कूनो में आएगा। कूनो में वह चीतों से मुलाकात करेंगे, उसके बाद शिवपुरी आएगा तो माधव नेशनल पार्क में टाइगर से मिलने का मौका मिलेगा और उसके बाद पन्ना माधव नेशनल पार्क में वाइल्डलाइफ के प्राणियों को देखेगा, यानी अब टूरिज्म के नए कॉरिडोर की स्थापना हो गई है।

बाघों को लेकर किया जाएगा अध्ययन

उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुश होते हुए कहा कि मेरे पिताजी का सपना कल के कार्यक्रम से पूरा हो जाएगा। बता दें कि शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में 27 साल बाद एक बार फिर से टाइगर की दहाड़ सुनने को मिलेगी। माधव नेशनल पार्क में 1990- 91 तक यहां अधिक संख्या में टाइगर थे, लेकिन अंतिम बार 1996 में यहां टाइगर देखे गए थे। अब माधव नेशनल पार्क एक बार फिर से बाघों से आबाद हो जाएगा। टाइगर प्रोजेक्ट के तहत यहां कुल पांच बाघों को बसाए जाने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में यहां तीन बाघों को छोड़ा जाएगा। इसमें पन्ना, बांधवगढ़ से एक-एक मादा टाइगर और भोपाल से एक नर टाइगर को छोड़ दिया जाएगा। माधव नेशनल पार्क में पहले चरण में आने वाले तीनों टाइगरों को फ्री रेंज में रखे जाने की योजना है। यानी यहां टाइगरों को पिंजरे में कैद न रखते हुए पार्क में खुले में बनाए गए बाड़े में रखा जाएगा। यहां इन बाघों के बारे में अध्ययन भी किया जाएगा कि वह यहां किस प्रकार से रहते हैं और खुद को कैसे इस नए वातावरण में ढाल पाते हैं। हालांकि माधव नेशनल पार्क टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणियों का नेचुरल हाउस है। लेकिन लगातार शिकार के दौरान एक समय बाद यहां बाघों की संख्या समाप्त हो गई थी।

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