Thursday, November 21, 2024

MP News: दूसरी लिस्ट में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को उतारने में बीजेपी का बड़ा खेल!

भोपाल: आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने दूसरी लिस्ट जारी की है। इसमें बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्री समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा है। बीजेपी ने इन सात नेताओं को केंद्रीय स्तर के राजनीति से विधानसभा लड़ने के लिए उतार दिया है। दूसरे लिस्ट में उम्मीदवारों के नामों को ध्यान से देखें तो बीजेपी की नजर सिर्फ इस विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी रखती दिख रही है।

संभाग अनुसार सीट

बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। यदि दूसरी लिस्ट को ध्यान से देखें तो लगभग सभी संभागो से नाम की घोषणा की है। चम्बल संभाग से 4 सीट, ग्वालियर संभाग से 5 सीट, सागर संभाग 2 सीट, रीवा संभाग 4 सीट,शहडोल संभाग से 1, जबलपुर संभाग से 9 सीट,नर्मदापुरम संभाग से 2 सीट,भोपाल संभाग 1 सीट, इंदौर संभाग से 7, उज्जैन से 4 सीटों के नामों की घोषणा हुई है।

सांसद और आवंटित सीट

केंद्रीय स्तर की राजनीति में सक्रिय नेता जिन्हें इस चुनाव में उतरा गया है। इस लिस्ट में बीजेपी ने 7 सांसदों को को टिकट दिया है। जिसमे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जिन्हें दिमनी से टिकट दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल जिन्हे नरसिंगपुर से टिकट मिला है। राजयमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास से उम्मीदवार बनाया गया है। जबलपुर के सांसद राकेश सिंह जबलपुर पश्चिम से टिकट मिला है। सीधी के सांसद रीती पटाहक को सीधी से उम्मीदवार बांया गए है. सतना के सांसद गणेश सिंह को सतना विधानसभा से टिकट मिला है। होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को गाडरवारा से टिकट मिला है और महासचिव को कैलाश विजवर्गीय को इंदौर -01 से टिकट दिया गया है।

बीजेपी की रणनीति समझिये

बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को कितने गंभीरता से ले रही है इस बात की झलक उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में झलकने लगी है। बीजेपी तीन पहलुओं पर काम कर रही है।
(क) बीजेपी हर एक सीट पर जीत सुनिश्चित करना चाहती है।
(ख) ग्वालियर-चंबलऔर मालवा-निमाड़ की लगभग 100 सीटों पर जीत की रणनीति सुनिश्चित करना
(ग) विधानसभा चुनाव के 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गणित को मजबूत करना

आदिवासी सीटों पर ध्यान

आदिवसों सीटों के इतिहास पर ध्यान दे तो 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल 84 सीटों में से 34 सीटों पर ही बीजेपी जीत हासिल कर पाई थी। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों में से 59 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। फागण सिंह कुलस्ते को उतार कर महाकोहशल में आदिवासी सेटों पर जीत हासिल करने की रणनीति है। इस बार के लिस्ट में 31 ने चेहरों को भी टिकट दिया गया है।

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