भोपाल। मार्च महीने का आरंभ होते ही यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि अब सर्दी के मौसम की विदाई हो गई है और आने वाले दिनों में लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन सोमवार शाम से मौसम ने अपना मिजाज ऐसे बदला कि आंधी तूफान के साथ उज्जैन जिले के कई स्थानों पर ओले गिरने की खबर सामने आई। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल का नुकसान हो गया है। किसानों के मुताबिक गेहूं की फसल लगभग पककर तैयार थी लेकिन सोमवार शाम व मंगलवार को सुबह हुई ओलावृष्टि से फसलों को काफी हद तक नुकसान हुआ है।
ग्राम निवासी ने दी नुकसान की जानकारी
उज्जैन जिले के घट्टिया, नागदा, उन्हेंल व अन्य तहसील क्षेत्र के कई गांव में जमकर बारिश हुई। किसानों की लगभग 5 महीने की मेहनत पर बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया है। किसान पदम पटेल निवासी ग्राम चिंतामण जवासिया ने जानकारी दी कि फसलों का करीब 80% नुकसान हो गया है। कई क्षेत्रों में तो पूरी फसल ही खराब हो गई है। शासन प्रशासन से यह मांग की गई है कि मौसम में सुधार होते ही सर्वे कर रबी की फसल में हुए भारी नुकसान का आकलन कर बीमा राशि दिलाने और किसानों को सहायता के रूप में राहत राशि दी जानी चाहिए।
बारिश ने किसान की फसल को जलने से बचाया
बता दें कि उज्जैन जिले के घट्टिया तहसील व थाना घट्टिया क्षेत्र सड़क किनारे लव खेड़ी मंदिर के पास जगदीश सिंह पंवार नाम के किसान का 15 बीघा खेत आग से धू-धू हो गया। आंधी तूफान के कारण बिजली की लाइन में फाल्ट हुआ। लाइन फाल्ट होते ही करंट के कारण गेहूं की फसल ने आग पकड़ ली और देखते ही देखते पूरे खेत में आग फैल गई थी। जिसकी जानकारी तुरंत घट्टिया पुलिस व फायर ब्रिगेड को दी गई। वैसे तो इस बारिश ने कई किसानो की फसलों को बर्बाद किया, पर यहाँ एक अच्छी बात यह हुई कि फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही बारिश पड़ने से आग बुझ गई।
इस वर्ष मध्य प्रदेश में कितना रहेगा गेहूं का उत्पादन
भारत में गेहूं का सबसे अधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में होता है. लेकिन इस वर्ष मध्य प्रदेश में गेहूं के पकने पर मार्च महीने में मौसम ने करवट बदल ली, जिस वजह से यहाँ जमकर बारिश हो रही है. कल यानि सोमवार को भी प्रदेश में भारी वर्षा हुई, जिस कारण गेहूं की फसल काफी हद नष्ट हो गई है. लेकिन सवाल यहाँ यह खड़ा होता है कि इस वर्ष गेहूं के मामले में मध्यप्रदेश अपनी क्या भूमिका निभाएगा।