भोपाल: मध्यप्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है। ऐसे में प्रदेश के सरकारी स्कूली पाठ्यक्रम में वीर सावरकर को शामिल करने का फैसला किया गया है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि वीर सावरकर महान क्रांतिकारी थे। उन्हें दो-दो […]
                            
                         भोपाल: मध्यप्रदेश में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होना है। प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है। ऐसे में प्रदेश के सरकारी स्कूली पाठ्यक्रम में वीर सावरकर को शामिल करने का फैसला किया गया है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस फैसले को सही बताते हुए कहा कि वीर सावरकर महान क्रांतिकारी थे। उन्हें दो-दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई। देश के आजादी में उनका योगदान अभूतपूर्व है इसलिए उनको हर जगह सम्मान मिलना चाहिए।
कांग्रेस ने फ्रीडम फाइटर्स को नहीं दिया सम्मान
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि ये दुर्भग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की सरकार ने महान क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नो में उचित स्थान नहीं दिया। विदेशी हमलवारों को महान बताया और अपने देश के महान क्रांतिकारियों की उपेझा की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केंद्रित शिक्षा पर काम कर रही है। देश के लिए काम करने वाले देश के हीरो बनेंगे। हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे। वीर सावरकर के जीवनी के अलावा गीता के संदेश, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, भगवान परशुराम, ऐसे सभी महापुरुषों को हम पाठ्यक्रम में सम्मलित करने का काम करेंगे।
कांग्रेस – ये फ्रीडम फाइटर्स का अपमान
कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि वीर सावरकर को किस हैसियत से पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं? यह बड़ा सवाल है। यह अफसोसजनक है कि सावरकर को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सावरकर के माफी मांगने के कई पत्र हमने पढ़े हैं, जो की अब सोशल मीडिया पर आ चुके हैं । ऐसे व्यक्ति को क्रांतिकारी बताकर पाठ्यक्रम में जोड़ना शर्मनाक है। यह तो पूरी तरह फ्रीडम फाइटर की तौहीन है।