भोपाल: पूर्व लोक अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद भवन पर उठे विवाद पर बयान देते हुए कहा कि संसद तो लोकतंत्र का मंदिर है उसका विरोध करना विपक्ष के लिए अनावश्यक है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि विपक्षी दलों के सांसद नये संसद भवन का विरोध (नैतिक रूप से) नहीं कर सकते। ये जितने विपक्षी सदस्य आज नये संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं, वे सभी जब मई लोकसभा अध्यक्ष थी तो मुझसे अक्सर शिकायत करते थे कि पुराने संसद भवन में जगह की कमी है। जगह की कमी के कारण सदन में बैठने में दिक्कत हो रही है।
दलगत राजनीति से ऊपर उठे
पूर्व लोक अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हर मुद्दे पर दलगत राजनीति को लाना ठीक नहीं। सभी को इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि हम कुछ अवसरों पर दलगत राजनीति से ऊंचा उठकर सोचें और एक साथ मिल कर काम करें। संसद लोकतंत्र का मंदिर है और हमें नये संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम को इसी दृष्टि से देखना चाहिए और इसका विरोध नहीं करना चाहिए। नए संसद भवन का उद्घटान के ऐतिहासिक अवसर है और इसमें सभी को शामिल होना चाहिए।