भोपाल। जबलपुर में किसान पराली जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। पराली जलाने को लेकर उनके खिलाफ हुई एफआईआर और फिर बाद में वकीलों द्वारा उनकी पैरवी न करने को लेकर अखिल भारतीय किसान संघ परेशान है। किसान संघ ने इसको दुखद बताया है।
किसानों को जिम्मेदार ठहराया
उन्होंने कहा कि जिस तरह से किसानों के पराली जलाने पर देशभर में उन्हें प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है वह पूरी तरह से गलत है। प्रदूषण के लिए औद्योगिक घरानों को कटघरे में खड़ा करने के कारण किसानों की छवि को धूमिल किया जा रहा है, जो कि किसानों के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। भारतीय किसान संघ के सैकड़ो किसान आज पराली को अपने ट्रैक्टरों में भरकर लेकर कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां पराली को मुख्य गेट पर बिखेरकर बैठ गए।
वैज्ञानिकों की सलाह का पालन
भारतीय किसान संघ के प्रांतीय सदस्य पुखराज सिंह चंदेल का कहना है कि जिस तरह से कृषि वैज्ञानिकों ने हमें सलाह दी थी पराली जलाने की हम ठीक वैसे ही पराली जला रहे हैं। वैज्ञानिकों ने हमें बताया था कि पराली जलाने से खेत की जमीन के कीड़े मरते हैं और हमने वैसे ही किया। अब किसानों के द्वारा पराली जलाने पर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के बात कहीं जा रही है जो सही नहीं है। भारतीय किसान संघ के प्रचार मंत्री राघवेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि कलेक्टर दीपक सक्सेना ने हमें बुलवाया था और सभी किसान 100 से 150 किलोमीटर दूर से आए हैं, इसलिए हम सुबह ही पहुंच गए हैं।
प्रदूषण की जानकारी देंगे
पहले किसान यहीं पर नाश्ता करेंगे और फिर कलेक्टर साहब से चर्चा करेंगे। कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने किसानों को इसलिए बुलवाया है कि वह पराली से होने वाले प्रदूषण की जानकारी देंगे और इसके उपाय भी बताएंगे।