भोपाल:मोतियाबिंद (Cataract) अब बुढ़ापे में होने वाली बीमारी नहीं रही। एम्स की स्टडी बताती है, यह कम उम्र में भी हो सकती है। संस्थान के नेत्र विभाग में तीन साल में 2,621 मरीजों की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई। इनमें 40 फीसदी की उम्र 60 से कम थी। 36 की उम्र 18 से भी कम थी।
हर साल बढ़ रहा आंकड़ा
बीते साल हमीदिया और एम्स में 18 साल से कम उम्र के 25 बच्चों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई। हमीदिया में 2023 में हर माह 36 सर्जरी हुईं। 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 46 हो गया।
यह है बड़ा कारण
यह स्टडी करने वालीं एम्स भोपाल के नेत्र विभाग की HOD भावना शर्मा ने बताया, बीपी, डायबिटीज और धूम्रपान करने वालों में ऐसी समस्या ज्यादा मिली। यह स्टडी इंडियन जर्नल ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रकाशित की गई है। इसमें भावना शर्मा, दीपायन सरकार, विद्या वर्मा, रिया शर्मा, प्रीति सिंह, समेंद्र करखुर, सुनील,वर्मा और दीपक सोनी की अहम भूमिका रही।
आंखों की रोशनी बचाने डॉ. S.S कुबरे (Eye Expert) ने दिए टिप्स
हेल्दी डाइट जरूरी है। अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन फूड्स से आंखों की रोशनी सही रहती है। विटामिन ए और सी युक्त फूड लें। विशेष रूप से वसायुक्त मछली जैसे सैल्मन खाएं। इसमें आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो मैक्युला (macula) को हेल्दी रखता है। मैक्युला आंख का वह हिस्सा जो सेंट्रल विजन के लिए जिम्मेदार होता है।
एक्सरसाइज भी करें।
स्क्रीन टाइम घटाएं
जरूरत पड़ने पर प्रोटैक्टिव आई ग्लास पहनें
शराब और धूम्रपान कम कर दें