भोपाल। गुजरात के भावनगर निवासी 71 साल के महेंद्र सिंह परमार, जो देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों की साईकल यात्रा पर निकले थे। रविवार को गुना में सड़क किनारे मृत पाए गए। पुलिस ने बताया कि परमार जो सूरत के एक वॉटर बॉटलिंग प्लांट से सेवानिवृत्त सुपरवाइजर थे, 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए साईकल यात्रा पर निकले थे।
गुना में मिला शव
बता दें कि अपनी लंबी साईकल यात्रा के साथ महेंद्र सिंह पिछले दिनों गुना शहर पहुंचे। और फिर कैंट पुलिस थाना क्षेत्र के पास आराम करने के लिए रुक गए। मौजूद लोगों ने उन्हें पहले वहीं बैठे हुए देखा और फिर कुछ ही देर के बाद वे वहीं लेट गए। लोगों को लगा की वे आराम कर रहे होंगे पर वह फिर नहीं उठे। उनकी इस हालत को देखकर स्थानीय नागरिकों ने फौरन पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी। पुलिस प्रशासन ने डॉक्यूमेंट के आधार पर मृत महेंद्र सिंह परमार की पहचान की।
पत्नी का कहना
परमार की पत्नी नैना बेन, बेटे और बेटी को सूचना दी गई जो सोमवार सुबह गुना पहुंचे। नैना बेन ने कहा कि उनके पति एक धार्मिक व्यक्ति थे, जिन्होंने पैदल ही नर्मदा परिक्रमा की थी। सोमवार को जिला अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कराया गया। प्रारंभिक रिपोर्ट में मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया है। पुलिस जांच चल रही है।
भीषण गर्मी में लंबी यात्रा के दौरान रखे ध्यान
यह घटना उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अपनी जान की परवाह नहीं करते है और भीषण गर्मी में भी लंबी यात्रा पर निकलते हैं। बदलते मौसम और हीट वेव से लेकर भीषण गर्मी के कारण भी शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हैं। ऐसे समय में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि नियमित रूप से शरीर को आराम दें और स्वास्थ्य से लापरवाही न करे। कई स्थानीय लोगों ने भी परमार को श्रद्धांजलि दी है। उनमें से एक ने कहा कि वह एक प्रेरणा थे। उनकी सादगी और समर्पण ने सभी को प्रभावित किया है।