Monday, September 16, 2024

शुरुआती दौर में ही पकड़ आएगा सर्वाइकल कैंसर, भोपाल AIIMS में शुरु हुई एलबीसी तकनीक

भोपाल। चिकित्सा सुविधाओं के मामलों में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब राजधानी भोपाल को ऐसी मशीन की सौगात मिली है, जिससे सर्वाइकल कैंसर की जांच आसान हो पाएगी। खास बात यह है कि इस मशीन की मदद से शुरुआती दौर में ही सर्वाइकल कैंसर का पता लग सकेगा।

बता दें कि यह मशीन भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इंस्टाल कर दी गई है। एम्स भोपाल के पैथोलॉजी एवं लैब मेडिसिन विभाग द्वारा इसे शुरु किया है। सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए लिक्विड बेस्ड साइटोलॉजी (एलबीसी) पैप टेस्ट सेवा को शुरु किया गया है। इस सुविधा को शुरु करते हुए AIIMS भोपाल के एग्जिक्यूटिव निदेशक डॉ. अजय सिंह ने मीडिया को बताया कि एलबीसी पैप टेस्ट सेवा सुविधा के शुरू होने से एमपी में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच करने में काफी मदद मिलेगी और शुरुआती दौर में ही इसका पता लगाया जा सकेगा।

बड़ी समस्या बन गया है सर्वाइकल कैंसर

देश में सर्वाइकल कैंसर एक सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। एलबीसी तकनीक के द्वारा सर्वाइकल कैंसर की जांच में कम समय लगता है। साथ ही इसकी सटीकता अधिक होती है। इस सुविधा से 25 से 65 साल की महिलाओं को खास लाभ मिलेगा।

प्रदेश का पहला संस्थान बना एम्स


बता दें कि मध्य प्रदेश के किसी अन्य संस्थान में यह मशीन नहीं है। एम्स भोपाल पूरे मध्य प्रदेश में पहला सरकारी संस्थान है, जहां इस तरह की सुविधा उपलब्ध होगी।

क्या है सवाईकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बिमारी है, जिसमें महिला की जान तक जा सकती है. सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के गर्भाशय के मुंह पर होता है. इसकी मुख्य वजह ह्यूमन पेपिलोमावायरस है. यह वायरस सेक्सुअल एक्टिव होने वाली हर महिला में हो सकता है. सर्वाइकल कैंसर का दूसरा मुख्य जोखिम कारक धूम्रपान यानी स्मोकिंग है। वहीं जो महिलाएं पांच साल या उससे अधिक समय से गर्भनिरोधक गोली ले रही हैं, उनमें एचपीवी वाले लोगों में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। जोखिम छोटा है और गोली लेने से डिम्बग्रंथि और गर्भाशय जैसे अन्य कैंसर का खतरा भी कम हो जाता है।

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