भोपाल। बैतूल की चर्चित आमला विधानसभा पर बड़ा खेल हो गया है। पूर्व SDM निशा बांगरे आंदोलन के बाद चर्चा में आई थी। आमला सीट पर कांग्रेस पार्टी का निशा को चुनावी मैदान में न उतारना महंगा पड़ा है। आमला में भारतीय जनता पार्टी 7 हजार वोटों से आगे नजर आ रही है। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे जीत की रेस में बहुत पीछे चल रहे हैं. अब चर्चाएं हो रही हैं कि निशा बांगरे (Nisha Bangre) का टिकट काटना कांग्रेस को भारी पड़ गया.
आमला विधानसभा सीट चर्चा में
बैतूल की आमला विधानसभा सीट के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी लगातार आगे बढ़ते नजर आ रही है। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदराव योगेश पंडाग्रे 7 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं। आमला वह सीट है, जो एमपी विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रही। पूर्व SDM निशा बांगरे यहां से दावेदारी करती नजर आ रही थीं, लेकिन फिर पेंच फंस गया था। बता दें, शिवराज सरकार ने निशा बांगरे के इस्तीफा पर एक्शन नहीं लिया था आखिरकार कांग्रेस ने मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित कर दिया था । इसके ठीक बाद निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर किया गया। चर्चा थी कि निशा बांगरे को टिकट दिया जाएगा, लेकिन उन्हें कांग्रेस संगठन में जगह देकर विधानसभा चुनाव से किनारे कर दिया गया.
कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मालवे हुए पीछे
आमला में मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के योगेश पंडाग्रे और कांग्रेस के मनोज मालवे के बीच में है। योगेश पंडाग्रे मौजूदा विधायक हैं, तो वहीं मनोज मालवे भी इलाके में मजबूत पकड़ रखते हैं. 2018 के चुनावों में दोनों की जीत में करीब 19,OOO वोटों का अन्तर था। 2018 में कांग्रेस पार्टी ने 114 सीटें हासिल की थी और भारतीय जनता पार्टी ने 109 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बने थे।