भोपाल: शहडोल जिले के जैतपुर वन परिक्षेत्र के जंगल के एक बाघ के शिकार का मामला सामने आया है। यह घटना लफदा बीट के घोरवे और शाही के समीप जंगल में हुई है। इस मामले में वन विभाग ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में कमला सिंह, रामचरण सिंह, आनंद कुमार सिंह, विनोद सिंह, बाल सिंह, डीलन सिंह, राजू सिंह, सुशील सिंह, रामदास सिंह, रामखेलावन सिंह, जितेंद्र सिंह का नाम शामिल हैं।
10 दिन पहले हुआ बाघ का शिकार
वन विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि बाघ का शव देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाघ का शिकार लगभग 10 दिन पहले या इसके आसपास हुआ होगा। बाघ का शिकार करंट लगा कर किया गया है। हैरानी की बात है कि लगभग 10 दिन तक बाघ का शव जंगल पर ही पड़ा रहा वन अमले को इसकी भनक तक नहीं लगी।
नाखून और दांत गायब
वन विभाग के अधिकारीयों ने बताया कि बाघ के दांत, नाखून और मूंछ को निकाल लिया गया था। जिसे बरामद कर लिया गया है। वन विभाग के अधिकारीयों का कहना है कि आरोपियों ने साबुत मिटाने के लिए बाघ को जलाने की कोशिश भी की थी। वहीं गांव के लोगो का कहना है कि जिस अवस्था में शव मिला है उससे ये कहना मुश्किल है कि ये बाघ का शव है। गांव के लोगो को पूरी प्रक्रिया से दूर रखा गया है।
जंगली सुअर से थे परेशान
पपोरे मामले पर आरोपियों का कहना है कि वो जंगली सुअर से परेशां थे। जंगली सुअर फसलों को बर्बाद करते थे। उनसे बचाव के लिए करंट वाल तार लगाया गया था। लेकिन उसमे बाघ फास गया। बाघ को पकड़ने या मरने की कोई इरादा नहीं था।