Thursday, September 19, 2024

MP Weather: एमपी में एक बार फिर शुरू हुआ झमाझम बारिश का दौर, इन जिलों में अलर्ट जारी

भोपाल. मध्य प्रदेश में एक बार फिर झमाझम बारिश का सिलसिला चल पड़ा है। बुधवार को 21 से अधिक जिलों में पानी बरसा। मंडला, बालाघाट, नर्मदापुर और रीवा में झमाझम बारिश हुई। मौसम विभाग ने 4 अगस्त के बाद से पूरे प्रदेश में जबरदस्त बारिश का अनुमान जताया है. मौसम विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र नायक ने मीडिया से चर्चा में बताया कि गंगीय पश्चिम बंगाल और उससे सटे झारखंड पर गहरा दबाव मानसून ट्रफ होने की वजह से मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर 3 अगस्त से मध्य प्रदेश में स्थानांतरित होने की संभावना है। इस कारण 4 अगस्त तक पूर्वी मध्य प्रदेश में ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। 5 अगस्त को भी कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है।

बुधवार को इन जिलों में हुई बारिश

बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मौसम विभाग द्वारा दर्ज आंकड़ों के अनुसार मंडला में 31, बालाघाट में 25, नर्मदापुरम में 22, रीवा में 17, सीधी में 14, जबलपुर में 13, सतना में 12, रतलाम में 11, भोपाल में 8.2, छतरपुर जिले के खजुराहो में 7, नौगांव में 6, उज्जैन में 5, पचमढ़ी में 4, उमरिया में 3, दमोह में 3, ग्वालियर में 2.4, बैतूल में 2, गुना में 2, छिंदवाड़ा में 2, इंदौर में 1.9, सागर में 1, धार में 0.9 मिली मीटर बारिश हुई। शाम साढ़े पांच बजे के बाद भी प्रदेश के कई हिस्सो में बारिश का दौर जारी रहा.

अगले तीन दिन बारिश का अलर्ट

वहीं मौसम विभाग ने प्रदेश के कई हिस्सों में आगामी तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। उमरिया, कटनी, जबलपुर, मंडला, पन्ना, दमोह और शिवपुरी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। यहां पर 115.6 से 220 मिमी बारिश के साथ बिजली गिरने की घटनाएं भी हो सकती हैं. यही नहीं भारी बारिश के कारण एक बार फिर प्रदेश की प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। नर्मदा, चंबल, ताप्ती, बेतवा सहित सभी नदियां उफान पर चल रही हैं. बात करें पिछले हफ्ते की तो प्रदेश में औसत से 20 प्रतिशत तक अधिक बारिश हो चुकी थी, लेकिन जुलाई के आखिरी हफ्ते में कम बारिश के कारण औसत बारिश का आंकड़ा कम हो रहा है। 1 जुलाई से आज तक प्रदेश में औसत रूप से 1 प्रतिशत ज्यादा ही बारिश हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में तो 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है, जबकि पश्चिमी हिस्से में 11 प्रतिशत ज्यादा बरसात हुई है.

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