भोपाल: मध्यप्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा से होने वाली नियुक्ति पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बड़ा फैसला लिया है। इस परीक्षा से होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।
सेंटर का होगा पुनः परीक्षण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा पर रोक लगाते हुए संदेह में आये हुए सेंटर के परिणामों का पुनः परीक्षण करने की बात कही। बता दें कि जब से परिणाम जारी हुए थे तभी से धांधली के संदेह जताया जा रहा था। छात्रों ने पेपर लीक होने का भी आरोप लगाया था। छात्रों का कहना था कि ये कैसे संभव है कि एक ही सेन्टर से सात टॉपर हो जाए वो भी एक ही क्रम में। इस परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव हुआ था। इस लेकर छात्रों ने विरोध भी किया।आज पूरे प्रदेश में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। भोपाल में छात्रों ने आज कर्मचारी चयन मंडल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, नर्मदापुरम में भी भरी संख्या में छात्रों विरोध प्रदर्शन किया। इंदौर में छात्रों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा। साथ ही छात्रों ने सात दिन का समय दिया और कहा यदि उनकी मांगे न मानी गई तो वो भोपाल के तरफ कूच करेंगे।
कर्मचारी चयन मंडल- नहीं हुई कोई धांधली
वहीं, मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा पटवारी चयन परीक्षा को लेकर धांधली के आरोपों को गलत बताया। मंडल द्वारा स्थिति स्पष्ट की गई है। जिसके अनुसार ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 एवं पटवारी पद के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा – 2022, 15 मार्च 2023 से 26 अप्रैल 2023 तक आयोजित की गई। इसमें 1279063 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी किये गए और 978270 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। यह परीक्षा 13 शहरों के 78 परीक्षा केन्द्रों पर 70 पालियों में संपन्न हुई। परीक्षा का परिणाम एवं 8617 पदों के लिए मेरिट सूची 30 जून को जारी की गयी थी। मंडल की तरफ से एनआरआई इंस्टीट्यूट ग्वालियर से 10 में से 7 चयनित टॉपर को लेकर जानकारी दी कि सेंटर पर कुल 114 अभ्यर्थी (1.32 प्रतिशत) चयनित हुए है। अन्य परीक्षा केन्द्रों से भी अधिकतम 321 अभ्यर्थी (3.73 प्रतिशत ) से लेकर न्यूनतम 29 अभ्यर्थियों (0.34 प्रतिशत ) का चयन मेरिट में हुआ है।