भोपाल: प्रदेश के विदिशा जिले के बापचा गांव के एक दलित किसान ने पटवारी और चौकीदार पर छुआछूत करने का आरोप लगाया है। पीड़ित किसान ने नया जरीब लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गया। देश के 75 साल बाद भी छुआछूत का मामला सामने आ रहा है। बापचा गांव के रहने वाले दलित किसान ने लगभग 130 किलोमीटर का सफर तय कर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचा। कलेक्ट्रेट कार्यालय में इस तरह लोहे के जरीब में लिपटे व्यक्ति को देख सभी हैरान थे। किसान का कहना है कि वो जरीब कहा से लाऊं जिससे दलित की जमीन नापी जा सके।
पटवारी और चौकीदार पर लगाया आरोप
किसान ने अपने जमीन के नापने और सीमांकन के लिए पटवारी और चौकीदार पर छुआछूत के साथ रिश्वत की मांग का भी आरोप लगाया है। मलखान ने आरोप लगाया कि जमीन नापने वाली जरीब पटवारी के पास थी लेकिन उसका कहना था कि वह सवर्णों की जमीन नापने के लिए है। जिसके बाद मलखान अहिरवार ने अपने जमीन के नापी के लिए नया जरीब खरीदा ताकि पुरानी जरीब छुआछूत से खराब न हो जाए। आगे बताया कि जमीन के नापी के लिए मलखान ने पटवारी को 5000 और चौकीदार को 2000 रूपये रिश्वत भी दिया है। इसके बावजूद भी उसके जमीन की नापी नहीं हो रही है।
कलेक्टर ने दिए निर्देश
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया की सीमांकन का काम किया जा रहा था। लेकिन पुराने विवाद के कारण मामला रुका हुआ था। उस दिन भी विवाद के स्थिति बनने के बाद मलखान अहिरवार वहां से भाग खड़े हुए। हालांकि दोबारा सीमांकन पुलिस के मौजूदगी और सुरक्षा में कराए जाने के निर्देश दिए गए है।