भोपाल। लगातार बदलते मौसम के मिजाज के कारण आम की पैदावार में इस साल 50 प्रतिशत तक की कमी होने की आशंका है. हर वर्ष इस वक्त तक भोपाल के मार्केट में आम आने शुरू हो जाते है. हालांकि, इस बार आम की पैदावार में कमी के दौरान 15 मई के बाद ही भोपाल की मार्केट में आम देखने को मिलेंगे.
मौसम का आम की पैदावार पर पड़ा असर
दिसंबर महीने में ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. इस दौरान आम के बौर समय से पहले लगने शुरू हो गए थे. जनवरी महीने में फिर तापमान में गिरावट दर्ज हुई है, जिस कारण बौर आने की प्रकिया पर असर पड़ा है. फिर मार्च महीने के अंतिम दिनों में तेज बारिश और आंधी ने बौर की फसल को क्षति पहुंचाई.
क्या होता है ऑन एयर साल?
उद्यानिकी विभाग भोपाल के सहायक संचालक बीएस कुशवाहा के अनुसार जब आम का पेड़ 25 से 30 साल पुराना हो जाता है तो उसके अंदर प्राकृतिक रूप से अल्टरनेट फलन देखने को मिलता है. ऐसा होने से आम की फसल एक साल तक बहुत अच्छी होती है. इसे ऑन एयर साल कहा जाता हैं. वहीं, दूसरे साल की फसल पहले साल की तुलना में कम होती है जिसे ऑफ एयर के नाम से जानते हैं.
2022 में 80 प्रतिशत हुआ था आम का उत्पादन
अगर हम वर्ष वार आम के उत्पादन की बात जाए तो साल 2020 में 70 परसेंट आम की फसल का उत्पादन हुआ था जो कि 25000 क्विंटल था. फिर 2021 में 5 प्रतिशत के इजाफे के साथ आम की पैदावार 2700 क्विंटल थी. 2022 में 5% वृद्धि फिर देखने को मिली. इस साल आम का उत्पादन 80 प्रतिशत यानी 27000 क्विंटल था. साल 2023 में आम की पैदावार 1800 क्विंटल रह सकती है.