भोपाल। सोमवार को रीवा में मोदी मंच पर बैठकर पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाने वाला नाटक ‘धरती कहे पुकार के’ प्रस्तुति देख रहे थे. इसके बाद पीएम मोदी अपनी कुर्सी से उठे और 40 कदम आगे चले। फिर 10 मिनट तक खड़े होकर पूरा नाटक देखा।
पीएम मोदी ने दिया मैसेज
रीवा में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा, कैसे हमारी बेटियों ने धरती मां की तकलीफ के बारे में समझाया। नाट्य प्रस्तुति करके धरती मां की वेदना को हम तक पहुंचाया। केमिकल वाली खेती से धरती मां को जो क्षति हो रही है। उसे आसान तरीके से समझाया है। धरती की ये पुकार हम सभी को समझनी चाहिए। हमें हमारी मां को मारने का अधिकार नहीं है। ये धरती हमारी माता है। मेरी विनती है कि पंचायतें प्राकृतिक खेती को लेकर जन जागरण अभियान चलाएं।
कई परियोजनाओं का किया शुभारंभ
आपको बता दें कि पीएम मोदी रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार यानी 24 अप्रैल को रीवा पहुंचे थे। जहां मोदी द्वारा 2300 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट्स और 7,853 करोड़ रुपए की 5 नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। साथ ही तीन ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी भी दिखाई।
कलाकार तनिष्का बंजर भूमि की बताई वजह
समारोह के शुभारंभ के अवसर पर लोक कलाकारों ने ‘धरती कहे पुकार के’ नृत्य नाटक का प्रदर्शन किया था। इसमें धरती माता बनी लोक कलाकार तनिष्का ने खेती में रासायनिक खाद के अधिक प्रयोग से बंजर हो रही धरती और पर्यावरण को हो रहे नुकसान की व्यथा मार्मिक ढंग से प्रस्तुत की।