भोपाल। मंगलवार यानी आज भूतड़ी अमावस्या है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में बुरी शक्ति का साया है. तो उन आत्माओं को भगाने के लिए इस दिन को खास माना गया है. इसीलिए नर्मदा नदी के घाटों पर भूतों का मेला लगा हुआ होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने से प्रेत-आत्माओं से छुटकारा मिल जाता है। वहीं, मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। आज के दिन लोग नर्मदा घाट पर उन ओझा-बाबाओं के पास भी जा रहे हैं, जो इन्हें बताएंगे कि व्यक्ति के ऊपर भूत का साया है या नहीं अगर है तो फिर वो इसे उतारने का दावा करते हैं।
करीब दो लाख लोग जुटेंगे नदी तट पर
बता दें कि मध्यप्रदेश की तीर्थनगरी ओंकारेश्वर, जहां 12 ज्योर्तिलिंग में से एक ओंकारेश्वर है। यह ज्योर्तिलिंग नर्मदा नदी के तट पर स्थित है, नर्मदा कल-कल ध्वनि के साथ बहती हुई नज़र आती है। यहां पर भूतड़ी अमावस्या पर करीब 2 लाख से ज्यादा लोग इकठ्ठा होंगे। इतनी भारी संख्या से आप समझ सकते हैं कि यहां भूतों का मेला लगता है। अंधविश्वास के व्यापार से जुड़े तांत्रिक बाबा जगह-जगह अपनी दुकान लगाते हैं। वे अपने ग्राहकों को गांव-कस्बों से लेकर आते हैं। रात में प्रेत-आत्माओं को भगाने का कार्य किया जाता है.
ओंकारेश्वर में इतने पुलिसकर्मी तैनात
बताया जा रहा है कि अकेले ओंकारेश्वर में खंडवा जिला प्रशासन ने 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी को तैनात कर दिया हैं। रक्षित निरीक्षक पुरुषोत्तम विश्नोई के मुताबिक जिला बल के साथ अलीराजपुर, झाबुआ और इंदौर बटालियन से फोर्स बुलाई गई है। इनके अलावा 500 से ज्यादा नगर रक्षा समिति सदस्य और ग्राम कोटवारों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है। इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर स्थित मोरटक्का, खेडीघाट पर भी लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुटेगी। इसी वजह से इंदौर से खंडवा-बुरहानपुर आने-जाने वाले भारी वाहनों के लिए रूटों को डाइवर्ट किया गया हैं।
ओंकारेश्वर में स्नान करने के लिए बने कई रास्ते
ओंकारेश्वर में भीड़ होने से सुबह से शाम तक स्नान करने के लिए आने वालों के लिए अलग-अलग रास्ते तय किए गए हैं। संगम घाट तक जाने का रास्ता नया बस स्टैंड से नवीन घाट, नया पुल होते हुए बर्फानी आश्रम से परिक्रमा मार्ग होते हुए हैं। इसके अलावा, नया बस स्टैंड से पुराना बस स्टैंड, जेपी चौक होते हुए नागर घाट वाले मार्ग से नवीन घाट, नया पुल व बर्फानी धाम आश्रम से संगम घाट का मार्ग हैं। पुराने पुल पर श्रद्धालुओं का दबाव होने के कारण यह प्रबंध किया गया है, लेकिन ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर मंदिर जाने वालों को पुराने पुल से क्षमता के मुताबिक बारी-बारी से जेपी चौक, जिग-जैग से श्रद्धालुओं के जाने का प्रबंध किया गया है।