Thursday, September 19, 2024

मध्य प्रदेश: इंदौर की ऐतिहासिक गेर को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत में किया जाएगा शामिल

भोपाल। देश की सबसे क्लीन सिटी के नाम से मशहूर इंदौर में मनाई जाने वाली रंगपंचमी और यहाँ निकाली जाने वाली गेर पूरी दुनिया में फेमस है. बताया जा रह है कि अब इसे यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत में शामिल करने की बात चल रही है. दिल्ली में शंकर लालवानी संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर संध्या पुरेचा से मिले और इंदौर की गेर के विषय में विस्तार से बातचीत की.

डॉ पुरेचा ने क्या कहा?

डॉ पुरेचा आयोजन को लेकर बहुत उत्सुक दिखाई दी. साथ ही उन्होंने इस विषय के बारे में विस्तार से सांसद लालवानी से चर्चा भी की. जिसके बाद उन्होंने आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन पूरा करने के लिए कहा। फिर डॉ पुरेचा द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन पूरा होते ही विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई तुरंत की जाए ताकि इंदौर की गेर को यूनेस्को की सूची में सम्मिलित करवाया जा सके। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि डॉक्टर संध्या पुरेचा से इंदौर की रंगपंचमी की गेर को लेकर चर्चा की गई है और उन्होंने कहा कि साल 2023 की सूची यूनेस्को को भेज दी गई है। साल 2024 की सूची में इसे भेज दिया जाएगा।

सांसद लालवानी ने क्या कहा?

सांसद लालवानी ने यह भी कहा कि इस हेतु जरुरी डॉक्यूमेंटेशन इंदौर नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय द्वारा मिलकर की जाएगी। यूनेस्को ने हाल ही में भारत की दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत की मान्यता प्रदान की है। इससे पहले रामलीला, वेदपाठ, नवरोज़, कुंभमेला-सिंहस्थ आदि को भी ये सम्मान हासिल हो चुके हैं।

ऐतिहासिक गेर में कई लोगों की उमड़ी भीड़

बताते चलें कि रंगपंचमी पर इंदौर में इस बार राजवाड़ा पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। पिछले वर्ष की तुलना में बड़ी संख्‍या में कई लोग यहां परिवार के साथ रंगपंचमी का आनंद लेने पहुंचे हुए थे। राजवाड़ा पर सुबह से रंग-गुलाल की बौछार होती हुई दिखाई दी थी। इंदौर की ऐतिहासिक गेर में शामिल होने के लिए शहर के अलग-अलग भागों से लोग परिवार के साथ और युवाओं की टोली ने राजवाड़ा में प्रवेश किया था।

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