Monday, September 16, 2024

मध्य प्रदेश: ट्राइबल यूनिवर्सिटी में छात्र और गॉर्ड के बीच मारपीट के मामले में सियासी शुरू, क्या है मामला

भोपाल। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के अमरकंटक में स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति यूनिवर्सिटी के गार्ड्स और केरल के कुछ छात्रों के बीच हुई हाथापाई का मामला गर्माता नज़र आ रहा है। केरल के मुख्यमंत्री, राहुल गांधी, शशि थरूर और पांच सांसद छात्रों के बचाव में आगे आए हैं और दोषियों पर कार्रवाई की मांग उठाई है। हालांकि मामले को लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने जांच कमेटी बनाई है। मामला बढ़ने के बाद तीन सुरक्षाकर्मी रामेश्वर माझी, वीरेंद्र सिंह और छबिलाल मेहरा पर मामला दर्ज कर दिया गया है।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय का है मामला

बताते चलें कि पूरा मामला अनूपपुर स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय का है। 10 मार्च को यूनिवर्सिटी के गार्ड्स और कुछ छात्रों के बीच मारपीट हुई थी। इस दौरान चार छात्र और एक गार्ड घायल हो गए थे। घायल छात्रों के नाम नसील, अभिषेक, अदनान, आदिल बताए जा रहे हैं। ये सभी इसी यूनिवर्सिटी के छात्र हैं और केरल के निवासी है। नसील एमएसडब्ल्यू, आदिल बीए, अभिषेक एमए और अदनान एमएससी जूलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं। जिन्हें शहडोल के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया है।

क्या हैं विवाद के पीछे की वजह?

विवाद के पीछे के दो कारण बताए जा रहे हैं। एक बात घटना में घायल गार्ड द्वारा बताई गई और दूसरी बात छात्र बता रहे हैं। रामेश्वर नाम के गार्ड ने कहा कि चारों छात्र यूनिवर्सिटी में पानी सप्लाई करने वाली टंकी पर चढ़े हुए थे। जब इन्हें उतारकर पूछताछ की गई तो वे भागने का प्रयास कर रहे थे। पूछने पर आईकार्ड या कोई भी अपनी पहचान बताने से मना कर रहे थे। पानी में कुछ मिलाने के शक में जब उन्हें पकड़ा गया तो छात्रों ने हाथापाई शुरू कर दी। रामेश्वर ने कुछ और गार्ड को वहां बुलाया। छात्र यह कह रहे थे कि वे वहां सिर्फ फोटो खींचने के लिए चढ़े थे। विवाद में दोनों पक्षों में हाथापाई हुई। मारपीट के बाद सुरक्षाकर्मियों ने अमरकंटक थाने में छात्रों के विरूद्ध शिकायत दर्ज कर दी है। वहीं छात्रों के अनुसार सिर्फ वे मुख्य गेट के पास बनी पानी की टंकी पर तस्वीरें लेने गए थे। हम उतर ही रहे थे तभी सुरक्षाकर्मियों ने हमारी तस्वीरें ले ली। टैंक पर जाने पर रोक है, इसके बारे में हमें कोई भी जानकारी नहीं थी। सुरक्षाकर्मियों से बात कर ही रहे थे उन्होंने हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी।

मामले पर शुरू हुई राजनीति

मामला तब सिर चढ़ गया जब इसमें नेताओं की एंट्री हुई। विवाद की सूचना मिलते ही केरल के पांच सांसद छात्रों के बचाव में सामने आए। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रकाशमणि त्रिपाठी को पत्र लिखते हुए कार्रवाई की डिमांड की है। राज्यसभा सांसदों ने धर्मेंद्र प्रधान को लेटर लिखकर मामले की जानकारी दी है। अब तक राहुल गांधी, शशि थरूर, केरल के सीएम पिनरई विजयन ने सोशल मीडिया पर मामले को लेकर निंदा की है।

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