भोपाल। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट से निपटने की तुलना में अपेक्षाकृत काफी सुरक्षित होता हैं। ट्रांजिट में सर्टिफिकेट के खोने, सर्टिफिकेट की चोरी, खराब डिलीवरी, जालसाजी, हस्ताक्षर बेमेल आदि की चिंता नहीं होती है। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट से निपटने की तुलना में अपेक्षाकृत काफी सुरक्षित माना जाता हैं। धोखाधड़ी की संभावना नहीं […]
भोपाल। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट से निपटने की तुलना में अपेक्षाकृत काफी सुरक्षित होता हैं। ट्रांजिट में सर्टिफिकेट के खोने, सर्टिफिकेट की चोरी, खराब डिलीवरी, जालसाजी, हस्ताक्षर बेमेल आदि की चिंता नहीं होती है। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट से निपटने की तुलना में अपेक्षाकृत काफी सुरक्षित माना जाता हैं।
ट्रांजिट में खराब डिलीवरी, सर्टिफिकेट के खोने, सर्टिफिकेट की चोरी, हस्ताक्षर बेमेल और जालसाजी आदि की चिंता नहीं रहती, यहीं कारण है कि आपको इस मामले में कुछ बुनियादी सुरक्षा उपाय को अपनाना चाहिए। शेयर बाजार में आपके साथ कोई धोखाधड़ी नही हो सकती है।
बेहतर तो यही होगा कि अपना पासवर्ड कभी लिखकर ना रखें। अगर आप चाहते है कि बस उसे याद रखें। अगर आप चाहें है कि अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी जैसे पता, यूजर नेम और डीमैट नंबर आदि को कही लिख ले तो इसके लिए सुरक्षित जगह लिख ले। जो किसी को ना पता चल पाए। साथ ही सुनिश्चित करें कि यह लॉक हो।
अपना पासवर्ड सेट करते समय कुछ सावधानियों का बरतना चाहिए। अपना नाम, बर्थ डे डेट, शादी की सालगिरह, बच्चे का नाम आदि जैसे स्पष्ट पासवर्ड सेट करने से बचें। इससे हटकर इसे लंबा, रैंडम और विशेष वर्णों वाले अल्फ़ान्यूमेरिक बनाएं।
कभी भी इंटरनेट कैफे या एयरपोर्ट, शॉपिंग मॉल आदि पर मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल करने से बचे। सार्वजनिक वाई-फाई से अपने डीमैट अकाउंट को कभी लॉग इन न करें। यह आपके घर या ऑफिस के वाई-फाई से किया जाए तो सुरक्षित होगा। यह भी सुनिश्चित करने के लिए यह सुरक्षित नेटवर्क हो।
एक बार जब आप अपने डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन (वेब या मोबाइल) एक्सेस कर लें तो उसे हमेशा बंद करके लॉग आउट कर ले। इससे अपना अकाउंट सुरक्षित रहेगा। अन्यथा, सिस्टम एक्सेस करने वाला कोई और व्यक्ति आसानी से आपके पोर्टफोलियो की जानकारी ले सकता है।
कम से कम 15 दिन या एक महीने में अपना पासवर्ड बदलते रहे। पासवर्ड को समय पर बदलना ना भूले। इससे आपके डीमैट अकाउंट को किसी और के जरिए हैक किए जाने की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है।