भोपाल। देशभर में सेट-टॉप बॉक्स के इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अब ग्राहकों को बार-बार सेट टॉप बॉक्स बदलने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। उन्हें सर्विस प्रोवाइडर बदलने पर अपना सेट-टॉप बॉक्स नहीं बदलना पड़ेगा। अब अगर वो टाटा स्काई से एयरटेल में शिफ्ट होते थे तो उन्हें अपना सेट […]
भोपाल। देशभर में सेट-टॉप बॉक्स के इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अब ग्राहकों को बार-बार सेट टॉप बॉक्स बदलने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। उन्हें सर्विस प्रोवाइडर बदलने पर अपना सेट-टॉप बॉक्स नहीं बदलना पड़ेगा। अब अगर वो टाटा स्काई से एयरटेल में शिफ्ट होते थे तो उन्हें अपना सेट टॉप बॉक्स भी बदलना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब उन्हें इस झंझट से छुटकारा मिल गया है।
दरअसल, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने को विभिन्न प्रसारकों के बीच एक ही सेट-टॉप बॉक्स को इस्तेमाल करने की सलाह दी है। साथ ही सेट-टॉप बॉक्स के बुनियादी ढांचे को स्वैच्छिक रूप से शेयर करने की सिफारिश की है। ट्राई ने आईपीटीवी सेवा प्रदाताओं के लिए न्यूनतम कुल संपत्ति संबंधी आवश्यकता को कम करने की बात भी कही है। इससे अब सेट-टॉप बॉक्स बदलने से आजादी मिल जाएगी। ट्राई ने दूरसंचार अधिनियम-2023 के तहत प्रसारण सेवाओं के प्रावधान के लिए सेवा प्राधिकरणों के ढांचे पर अपनी सिफारिशें जारी कीं।
इस अधिनियम ने टेलीग्राफ कानून, 1885 की जगह ली है। नियामक ने कहा कि सिफारिशों का उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहित करना है। वहीं कारोबारियों की सुगमता को बढ़ावा देना भी है। नियामक ने प्रसारण सेवा प्रदाताओं के साथ ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं/ बुनियादी ढांचा सुविधा देने वालों के बीच स्वैच्छिक आधार पर बुनियादी ढांचे को साझा करने की सिफारिश की है। ट्राई ने कहा कि जहां भी तकनीकी और व्यावसायिक रूप से संभव हो, बुनियादी ढांचे को साझा किया जाए।