राजस्थान। अमेरिका ने एक बार फिर यमन पर हमला किया है। अमेरिका ने यमन के तेल बंदरगाह रास ईसा पर हवाई हमला किया। इस बंदरगाह पर हूतियों का कब्जा था। हूतियों का कहना है कि अमेरिकी द्वारा किए गए हमले में 38 लोगों की मौत हो गई। वहीं 102 लोग घायल हो गए हैं। अमेरिकी […]
राजस्थान। अमेरिका ने एक बार फिर यमन पर हमला किया है। अमेरिका ने यमन के तेल बंदरगाह रास ईसा पर हवाई हमला किया। इस बंदरगाह पर हूतियों का कब्जा था। हूतियों का कहना है कि अमेरिकी द्वारा किए गए हमले में 38 लोगों की मौत हो गई। वहीं 102 लोग घायल हो गए हैं। अमेरिकी सेना ने इस हमले की पुष्टि की है।
अमेरिका लगातार हूतियों को अपना निशाना बना रही है। यमन की राजधानी सना में लगातार अमेरिकी सैन्य विमान हूतियों के अड्डों पर हमला कर रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब किसी हमले में इतनी बड़ी संख्या में हूतियों की मौत हुई है। हूतियों ने बंदरगाह पर हमले के बाद की स्थिति का वीडियो जारी किया। इसमें घटनास्थल पर लाशें बिखरी हुई दिखाई दे रही थीं। इसने कहा कि बंदरगाह पर पैरामेडिक और नागरिक कर्मचारी हमले में मारे गए। इससे भीषण विस्फोट हुआ और आग लग गई।
वहीं अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि अमेरिकी बलों ने ईरान समर्थित हूतियों के लिए ईंधन के स्रोत को खत्म करने के लिए यह कार्रवाई की है। साथ ही अवैध राजस्व से वंचित रखने के लिए भी यह हमला किया गया है। इसने 10 सालों से ज्यादा समय तक पूरे क्षेत्र में हूती के प्रभावों को बढ़ाने के लिए पोषित किया। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को हानि पहुंचाना नहीं था। इसका मकसद हूती शासन को उतार फेंकना था ताकि वहां के लोग शांति से रहें।
वहीं अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस का आरोप है कि चांग गुआंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी कंपनी ने अमेरिकी हितों के लिए हूती विद्रोहियों पर हमलों का सीधा समर्थन किया है। यमन का बंदरगाह तीन तेल टैंकों और रिफाइनिंग उपकरणों का केंद्र है। यह यमन के लाल सागर के किनारे स्थित है। नासा के उपग्रहों ने कामरान द्वीप के पास स्थित इस स्थल पर भीषण आग देखी। हूतियों ने कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित आक्रमण है।
यह हमला यमन की संप्रभुता और स्वतंत्रता का घोर उल्लंघन है। अमेरिका पूरे यमनी लोगों को सीधे निशाना बनाता है। यह एक महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा को निशाना बनाना है।