भोपाल। अक्सर कम जागरूकता की वजह से किसानों को फसलों को लेकर नुकसान झेलना पड़ता है. बात खाद उर्वरक की हो या कीटनाशक दवाई की, दोनों में से किसी को लेकर भी असावधानी बरती जाए, तो फसलों को काफी हद तक क्षति होती है. इसके अलावा भी खेती को लेकर कई सारी बाते है, जिनके […]
भोपाल। अक्सर कम जागरूकता की वजह से किसानों को फसलों को लेकर नुकसान झेलना पड़ता है. बात खाद उर्वरक की हो या कीटनाशक दवाई की, दोनों में से किसी को लेकर भी असावधानी बरती जाए, तो फसलों को काफी हद तक क्षति होती है. इसके अलावा भी खेती को लेकर कई सारी बाते है, जिनके बारे में किसानों को अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने अपने यहां के किसानों का ऐसी दिक्कतों से बचाव करने के लिए बलराम ऐप तैयार किया है. इस ऐप की विशेषता है कि यह टू-वे कम्यूनिकेशन को सपोर्ट करेगा. पहले चरण में यह ऐप 10 जिलों में लॉन्च होगा.
बताया जा रहा है कि इस ऐप को इंडो-जर्मन के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत लांच किया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को सौंपी गई है. ऐप में किसानों को मिट्टी को स्वस्थ रखने से जुड़ी आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा उनकी अन्य समस्याओं का भी ध्यान रखा जाएगा.
आपको बता दें कि बलराम ऐप में राज्य सरकार खेती-किसानी को लेकर एडवाइजरी भी जारी करेगी. इसके अलावा किसानों को कृषि वैज्ञानिकों से भी सवाल पूछने का मौका मिलेगा. ऐप को पहले फेस यानी खरीफ के सीजन के समय, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, सिंगरौली, मंडला, बालाघाट, कटनी, दमोह और छतरपुर जिले के लिए लांच किया जाएगा.
ऐप में कृषि से जुड़ी हर तरह की जानकारी उपलब्ध होगी. इसमें प्रदेश स्तर, जिला स्तर, विकासखंड और ब्लॉक स्तर की सटीक जानकारी होगी. इसमें पहले चरण में 10 जिलों के 25 हजार किसानों को लाभ होगा. साथ ही इसके लिए जबलपुर में कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों को तकनीकी तौर पर तैयार करके मास्टर ट्रेनर बनाने का प्रयास किया जा रहा है.