भोपाल। ऑनलाइल गैम्बलिंग पर तीन महीने में कानून बनाने के आदेश को वापस लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया था। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए आवेदन को रद्द कर दिया। एकलपीठ ने सरकार को एक हफ्ते में कमेटी द्वारा […]
भोपाल। ऑनलाइल गैम्बलिंग पर तीन महीने में कानून बनाने के आदेश को वापस लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया था। हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए आवेदन को रद्द कर दिया। एकलपीठ ने सरकार को एक हफ्ते में कमेटी द्वारा तैयार ड्राफ्ट को पेश करने के आदेश को जारी किया हैं। एकलपीठ द्वारा सरकार को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ड्राफ्ट को विधानसभा में विचार व मतदान के लिए कब प्रस्तुत किया जाएगा, इसकी भी जानकारी प्रदान की जाए।
बता दें कि ऑनलाइन गैम्बलिंग के अपराध में दायर जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था। हाईकोर्ट ने ऑनलाइन गैम्बलिंग के संबंध में सख्त कानून बनाने के लिए सरकार से सवाल जवाब किए थे. सरकार ने अपने जवाब में कहा कि ऑनलाइन गैम्बलिंग पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के वरिष्ठ सचिवों की कमेटी कानून बनाने पर विचार कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि कानून का खाका तैयार करने में तीन महीने का समय लगेगा. फिर विधानसभा में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। हाईकोर्ट ने मामले को लेकर रूपरेखा तैयार करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया था।
आपको बता दें कि याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से उक्त आदेश वापिस लेने का आग्रह किया गया है। एकलपीठ ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कानून से जुड़े ड्राफ्ट को पेश करने की बजाय सरकार उक्त आवेदन को पेश कर रही है। एकलपीठ ने आवेदन को रद्द करते हुए कहा कि अगली सुनवाई में उक्त अधिकारियों द्वारा हलफनामा पेश नहीं किया गया तो उन्हें व्यक्तिगत हाजिरी के लिए आदेश देने पड़ेंगे। अब मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
हाईकोर्ट ने अगस्त 2022 को राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि ऑनलाइन गैम्बलिंग की लगाम कसने के लिए जरूरी कदम उठाएं। कोर्ट द्वारा कहा गया था कि ऑनलाइन गैम्बलिंग से देश के युवाओं के आर्थिक, मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर बड़े स्तर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इस मामले में ठोस निर्णय लेने में अब ज्यादा इंतजार नहीं किया सकता। सिंगरौली जिले के सनत कुमार जायसवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उक्त आदेश जारी किए थे। सनत पर आरोप है कि उसने अपने नाना के अकाउंट से 8 लाख 51 हजार रुपये निकाले थे। इस धन राशि को उसने आईपीएल के सट्टे में लगाकर उड़ा दिए।